बलरामपुर: पहले ही खुल जाता छांगुर के अपराध का नेटवर्क, अगर पुलिस ने लिया होता DM की शिकायत पर संज्ञान

बलरामपुर में ईडी, एटीएस और अन्य एजेंसियों की जांच में वहां तैनात कई अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की जमालुद्दीन उर्फ छांगुर से सांठगांठ के सबूत मिले हैं. गौर करने वाली बात यह है कि अगर पुलिस समय पर सिंडिकेट पर कार्रवाई करती तो बलरामपुर में चल रहा छांगुर का नेटवर्क शायद पहले ही उजागर हो जाता.

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पुलिस की गिरफ्त में है धर्मांतरण का मास्टरमाइंड छांगुर (File Photo: ITG) पुलिस की गिरफ्त में है धर्मांतरण का मास्टरमाइंड छांगुर (File Photo: ITG)

सिमर चावला

  • बलरामपुर ,
  • 24 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 5:14 PM IST

यूपी के बलरामपुर में ईडी, एटीएस और अन्य एजेंसियों की जांच में वहां तैनात कई अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की जमालुद्दीन उर्फ छांगुर से सांठगांठ के सबूत मिले हैं. तत्कालीन डीएम ने साल भर पहले ही पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ की 150 पन्ने की रिपोर्ट शासन को भेज दी थी. 

इस रिपोर्ट में पुलिस वालों को संगठित रूप से छांगुर के करीबी रहे गैंगस्टर हाशमी और अन्य अपराधियों की मदद करने की बातें लिखी गई थी. रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया कि किस तरीके से तीन बार मुकदमा दर्ज करने के बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया. 

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नीतू की लाल डायरी में दर्ज कई राज

पिछले दिनों ईडी की छापेमारी में छांगुर की करीबी नीतू उर्फ नसरीन के कमरे से एक लाल रंग की करीब 100 पन्नों की डायरी बरामद हुई. इस डायरी में कई अहम लोगों के साथ पैसों के लेनदेन का विवरण है. इसमें वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में छांगुर द्वारा उतरौला सीट से चुनाव लड़ने वाले एक प्रत्याशी को 90 लाख रुपये देने का पूरा ब्योरा दर्ज है. हालांकि, वह प्रत्याशी चुनाव हार गया और भाजपा के राम प्रताप वर्मा विजयी हुए. डायरी में उस मुस्लिम नेता का नाम भी दर्ज है, जिसने 2022 में उतरौला से चुनाव लड़ा था. 

डीएम ने पहले ही दी थी चेतावनी

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तत्कालीन डीएम ने एक साल पहले मइसी मुस्लिम प्रत्याशी पर गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए शासन को पत्र भेजा था. उन्होंने ईडी और आयकर जैसी एजेंसियों से जांच की सिफारिश की थी. साथ ही, पुलिस की अपराधियों के साथ मिलीभगत की भी शिकायत की थी. इसके बाद डीएम और एसपी के बीच विवाद होने पर दोनों अधिकारियों का तबादला कर दिया गया. 

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कार्रवाई होती तो पहले ही खुल जाता नेटवर्क

गौर करने वाली बात यह है कि अगर पुलिस समय पर सिंडिकेट पर कार्रवाई करती तो बलरामपुर में चल रहा छांगुर का नेटवर्क शायद पहले ही उजागर हो जाता. बताया जा रहा है कि नीतू की डायरी में न केवल पूर्व विधायक को दिए गए पैसों का ज़िक्र है बल्कि कई पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं. जैसे-जैसे एजेंसियों की जांच आगे बढ़ेगी और भी महत्वपूर्ण नाम सामने आने की संभावना है. 

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