इलाहाबाद हाईकोर्ट से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को क्वालिटी बार मामले में जमानत मिलने के बावजूद उनकी रिहाई में कई दिन की देरी क्यों हुई, यह सवाल कई लोगों के जहन में उठा है. मामला रामपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर नंबर 126/2020 से जुड़ा है, जिसमें आजम खान पर पांच साल पुराने शत्रु सम्पत्ति विवाद के तहत अतिरिक्त धारा 467, 471 और 201 के आरोप लगाए गए थे.
जमानत मिलने के बाद भी जेल प्रशासन द्वारा आजम खान को रिहा करने में देरी का मुख्य कारण यही था कि इन बढ़ाई गई धाराओं के तहत उनका वारंट जारी नहीं हो पाया था. 20 सितंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन धाराओं को स्वीकार नहीं किया, जिससे पुलिस की ओर से जारी किए गए नए वारंट को वैधता नहीं मिल पाई। इस वजह से जेल प्रशासन को आजम खान की रिहाई का आदेश मिलने के बाद भी उन्हें तुरंत रिहा नहीं किया जा सका.
रामपुर पुलिस ने आजम खान पर दर्ज मामलों में बढ़ी धाराओं के कारण जेल से रिहाई में व्यवधान उत्पन्न किया था. हालांकि 20 सितंबर की सुनवाई में अदालत ने बढ़ाई गई धाराओं को खारिज कर दिया, जिससे अब दोषी को रिहाई का मार्ग साफ हो गया है.
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इस विवाद के बाद आजम खान का रिहाई आदेश सीतापुर जेल तक पहुंच गया है, और जेल खुलते ही उन्हें रिहा कर दिया जाएगा. इससे यह स्पष्ट होता है कि न्यायिक प्रक्रिया और पुलिस के कदम के बीच तालमेल न होने के कारण कई दिनों की देरी हुई. अब जब कोर्ट ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, तो उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार सुबह वह जेल से बाहर आ जाएंगे.
या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से जुड़ा आजम खान का 'क्वालिटी बार' मामला काफी विवादास्पद रहा है. इस मामले में आरोप है कि आजम खान ने 2013 में मंत्री रहते हुए रामपुर के सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित क्वालिटी बार की जमीन को अवैध तरीके से अपनी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के नाम करवा कर इस पर कब्जा कर लिया.
2019 में क्वालिटी बार के मालिक गगन अरोड़ा ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में आजम खान के परिवार के कई सदस्य आरोपी बनाये गए. 2024 में आजम खान को इस मामले का मुख्य आरोपी घोषित किया गया. आरोप है कि उन्होंने अपने पद और राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग कर जमीन पर कब्जा किया, जो कानूनी और नैतिक दृष्टिकोण से विवादास्पद है. इस केस में आजम खान के साथ उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम भी आरोपी हैं.
मई 2025 में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन बाद में सितंबर 2025 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. हाईकोर्ट ने यह जमानत तब प्रदान की जब अभियोजन पक्ष पुख्ता सबूत पेश करने में विफल रहा और केस में हुई देरी को भी ध्यान में रखा गया. फिलहाल वह उत्तर प्रदेश के सीतापुर जेल में बंद हैं.
संतोष शर्मा