'श्री राम जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र' ने 'एक्स' पर पोस्ट कर बताया कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर निर्माण से संबंधित सभी कार्य पूरे हो चुके हैं. मुख्य मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है. परकोटा के छह मंदिर, जिनमें भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती, देवी अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिर शामिल हैं, पूर्ण हो चुके हैं.
इन मंदिरों पर ध्वजदंड और कलश स्थापित किए जा चुके हैं. सप्त मंडप यानी महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, शबरी एवं ऋषि पत्नी अहल्या के मंदिरों का निर्माण भी पूरा हो चुका है.
इन मुख्य संरचनाओं के अतिरिक्त, संत तुलसीदास मंदिर का निर्माण भी पूरा हो चुका है. साथ ही, जटायु और गिलहरी की प्रतिमाएं भी स्थापित की जा चुकी हैं. मंदिर निर्माण से जुड़े ये सभी कार्य अब पूर्णता प्राप्त कर चुके हैं. रामभक्तों के लिए यह खबर उत्साहवर्धक है, क्योंकि दशकों के इंतजार के बाद भव्य मंदिर का स्वरूप पूरी तरह से सामने आ गया है.
दर्शनार्थियों की सुविधा के कार्य पूरे
जिन कार्यों का सीधा संबंध दर्शनार्थियों की सुविधा या व्यवस्था से है, वे सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं. मानचित्र के अनुसार सड़कें बनाने और फ़्लोरिंग पर पत्थर लगाने का कार्य L&T द्वारा किया जा रहा है. भूमि सौंदर्यीकरण, हरियाली और लैंडस्केपिंग के साथ 10 एकड़ में पंचवटी निर्माण का कार्य GMR द्वारा तेजी से किया जा रहा है.
हालांकि, अभी भी कुछ कार्य चल रहे हैं, जिनका संबंध सीधे जनता से नहीं है. जैसे- 3.5 किलोमीटर लंबी चारदीवारी, ट्रस्ट कार्यालय, अतिथि गृह और सभागार का निर्माण आदि.
उधर, अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं. पीएम नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को राम मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर 22x11 फीट का भगवा ध्वज फहराएंगे. यह कार्यक्रम प्राण प्रतिष्ठा की तरह ही भव्य होगा और मंदिर निर्माण पूर्ण कार्य होने का प्रतीक बनेगा.
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