'धर्म में हस्तक्षेप ना करें...', बांके बिहारी मंदिर पर अध्यादेश को लेकर इलाहाबाद HC की यूपी सरकार को फटकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन पर लाए गए अध्यादेश को लेकर यूपी सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि सरकार को धर्म में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है. संविधान का कोई धर्म नहीं होता, और सरकार को भी धार्मिक मामलों से दूर रहना चाहिए.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट. (Photo: ITG) इलाहाबाद हाईकोर्ट. (Photo: ITG)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन और प्रशासन के लिए लाए गए उत्तर प्रदेश सरकार के अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. अदालत ने साफ कहा कि राज्य को धर्म में प्रवेश या हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जा सकती. हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट अध्यादेश पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से तीखे सवाल किए.

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हाईकोर्ट ने कहा, "हम यह अनुमति नहीं देंगे कि राज्य धर्म में प्रवेश करे. सरकार यह बताए कि वह धर्म और धार्मिक स्थानों में कैसे प्रवेश कर रही है?"

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कोर्ट ने सरकार को सलाह दी कि वह मंदिर के अंदर न घुसे बल्कि केवल बाहर की व्यवस्था देखे. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार मंदिर प्रशासन की योजना बना सकती है, लेकिन "आपका आदमी प्रबंधन समिति के अंदर नहीं होगा."

सरकार का भी कोई धर्म नहीं होना चाहिए- कोर्ट

जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने टिप्पणी करते हुए कहा, "चूंकि संविधान का कोई धर्म नहीं है, इसलिए सरकार का भी कोई धर्म नहीं होना चाहिए. फिर सरकार धर्म में हस्तक्षेप क्यों कर रही है?"

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जस्टिस अग्रवाल ने आगे कहा कि सरकार तिरुपति मंदिर और वैष्णो देवी जैसे हिंदू धार्मिक स्थलों का प्रबंधन कर रही है, लेकिन किसी मस्जिद या चर्च का प्रबंधन नहीं कर रही. उन्होंने सरकार को साफ शब्दों में कहा, "कृपया धर्म में न पड़ें."

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हस्तक्षेप से कानून का शासन समाप्त हो जाएगा- कोर्ट

अदालत ने यह भी कहा कि सरकार को किसी भी निजी विवाद में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, विशेष रूप से धार्मिक मामलों से जुड़े निजी विवादों में तो कतई नहीं.

कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि सरकार निजी विवादों में हस्तक्षेप करती है, तो इससे कानून का शासन समाप्त हो जाएगा. इस सुनवाई ने सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और धर्म और राज्य के संबंधों पर संवैधानिक मर्यादाओं की ओर ध्यान दिलाया है.

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