समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी में चल रहे अंदरूनी कलह पर एक बार फिर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि न संगठन बड़ा होता है, न सरकार. सबसे बड़ा होता है जनता का कल्याण. बता दें कि केशव प्रसाद ने कहा था, 'संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है.'
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को X पर पोस्ट में लिखा, 'न संगठन बड़ा होता है, न सरकार. सबसे बड़ा होता है जनता का कल्याण. दरअसल संगठन और सरकार तो बस साधन होते हैं, लोकतंत्र में साध्य तो जनसेवा ही होती है. जो साधन की श्रेष्ठता के झगड़े में उलझे हैं, वो सत्ता और पद के भोग के लालच में है, उन्हें जनता की कोई परवाह ही नहीं है. भाजपाई सत्तान्मुखी है, सेवान्मुखी नहीं!'
'संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है'
पिछले दिनों लखनऊ में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक बयान से यूपी की सियासत गरमा गई थी. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि 'संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है. हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है.'
'हार की जिम्मेदारी सामूहिक...'
यूपी बीजेपी की आंतरिक राजनीति पर पार्टी नेता कृपाशंकर सिंह ने कहा था, 'हार की जिम्मेदारी सामूहिक होती है. लोकसभा चुनाव में मिली हार का ठीकरा पार्टी के जिम्मेदार लोग दूसरों के ऊपर फोड़ना बंद करें. अधिकारियों के यहां कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है. महोत्सव के दौरान शासन-प्रशासन खड़ा रहता है और बीजेपी के मंडल अध्यक्षों के आयोजन में बाधा उत्पन्न की जाती है. ये हमारी जिम्मेदारी है कि अधिकारी हमारी सुनें.
दरअसल, लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ यूपी बीजेपी में तापमान बढ़ा हुआ है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य परोक्ष रूप से बार बार इस बात को उठा रहे हैं कि राज्य में पार्टी और सरकार के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. केशव प्रसाद मौर्य के बयान इसी ओर इशारा करते हैं. मौर्य ने बहुत साफगोई से कहा है कि सरकार से बड़ा संगठन है. कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है.
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