इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीते दिनों 69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द करने का आदेश दिया था. साथ ही कोर्ट ने 3 महीने में नए सिरे से रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के इस आदेश से जहां प्रदेश की योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है. वहीं, 4 वर्षों से नौकरी कर रहे शिक्षकों के बीच भी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूरे मामले में सियासत शुरू हो गई है. इसको लेकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसा है.
अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद के बयान को बताया साजिशाना
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूरे मामले को लेकर एक्स पर एक पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि दर्द देनेवाले, दवा देने का दावा न करें. 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश के एक ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री’ का बयान भी साज़िशाना है. पहले तो आरक्षण की हक़मारी में ख़ुद भी सरकार के साथ संलिप्त रहे और जब युवाओं ने उन्हीं के ख़िलाफ़ लड़कर, लंबे संघर्ष के बाद इंसाफ़ पाया तो अपने को हमदर्द साबित करने के लिए आगे आकर खड़े हो गए.
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शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के समर्थन में नहीं हैं केशव मोर्य
सपा अध्यक्ष ने एक्स पर किए गए पोस्ट पर लिखा- ये ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री’ शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के साथ नहीं हैं, वो तो ऐसा करके भाजपा के अंदर अपनी राजनीतिक गोटी खेल रहे हैं. वो इस मामले में अप्रत्यक्ष रूप से जिनके ऊपर उंगली उठा रहे हैं, वो ‘माननीय’ भी अंदरूनी राजनीति के इस खेल को समझ रहे हैं.
शिक्षा और युवाओं को भाजपा अपनी आपसी लड़ाई और नकारात्मक राजनीति से दूर ही रखे. क्योंकि भाजपा की ऐसी ही सत्ता लोलुप सियासत से उप्र कई साल पीछे चला गया है.
अखिलेश के तंज पर केशव मौर्य ने भी किया पलटवार
अखिलेश के तंज पर केशव मौर्य ने भी पलटवार किया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा सपा बहादुर कांग्रेस मोहरा अखिलेश यादव का PDA बहुत बड़ा धोखा है.झूठ बोलने की आटोमैटिक मशीन बनी सपा लोकसभा चुनाव में जैसे संविधान ख़त्म हो जाएगा का दुष्प्रचार किया, उसी प्रकार PDA का झूठ फैला रहे हैं. भाजपा ही भविष्य है. 2027 में 2017 दोहरायेंगे.
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