नौकरी छोड़कर महिला बनी ड्राइवर, सोशल मीडिया पर छाई!

ऑटो ड्राइवर महिला पहले कपड़े की फैक्‍ट्री में काम करती थीं, लेकिन काम के खराब माहौल की वजह से उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी.

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ऑटो ड्राइवर छाया (Nandini Cholaraju_LinkedIn) ऑटो ड्राइवर छाया (Nandini Cholaraju_LinkedIn)

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 23 जून 2022,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST
  • लिंक्‍डइन पर शेयर की महिला की कहानी
  • महिला पहले करती थी कपड़े की फैक्‍ट्री में काम

एक महिला ने Ola ऑटो बुक किया. कुछ देर बाद एक महिला ऑटो ड्राइवर उनके पास पहुंचीं. जिस महिला ने ऑटो बुक किया था, उसने ऑटो ड्राइवर से बात की और उनके संघर्ष की कहानी लिंक्डइन पोस्‍ट में बयां की है. महिला ऑटो ड्राइवर पर इंटरनेट पर वायरल हो गई है. 

लिंक्डइन पोस्‍ट में ऑटो ड्राइवर छाया की कहानी नंदिनी चोलाराजू ने बयां की है. नंदिनी OLLIT EXPEDITIONS की फाउंडर और डायरेक्‍टर हैं. नंदिनी ने अपने पोस्‍ट में बताया कि उन्‍होंने छाया से उनके ऑटो चलाने के अनुभव को लेकर कई बातें कीं. 36 हजार लोग इस पोस्‍ट को लाइक कर चुके हैं. वहीं सैकड़ों यूजर्स ने इस कहानी को शेयर किया है. 

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छाया ने बताया, वह पहले एक कपड़े की फैक्‍ट्री में काम कर रही थीं, पर वहां का वातावरण काफी खराब था. इस वजह से उन्‍होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. फिर उन्‍होंने खाने का काम शुरू किया. कुछ समय तक छाया का काम ठीक चला लेकिन फिर उनको नुकसान होना शुरू हो गया. 

छाया ने कहा कि उनके भाई ऑटो ड्राइवर हैं, उनके भाई ने ही उन्‍हें सलाह दी कि तुम्‍हें इलैक्ट्रिक ऑटो चलाना चाहिए. यह सुनकर छाया काफी उत्‍सुक हो गईं. लेकिन छाया के पति की राय जुदा थी. ऐसे में वह अपने पति की इच्‍छा के विपरीत नहीं जाना चाहती थीं. छाया ने इसके बाद अपने पति से कहा, 'मुझे कुछ दिन कोशिश करने दो'. इसके बाद छाया के पति मान गए. 

छाया ने बताया कि वह करीब 100 किलोमीटर ऑटो चलाती हैं. वह शाम को 6 बजे तक अपनी राइड खत्म कर देती हैं, इसके बाद बच्‍चों को समय देती हैं. 

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कितनी कमाई होती है? 
छाया ने कहा- 'मैंने पहली बार ऑटो चलाया, उसके बाद मैं कभी नहीं रुकी. मैंने 800-1000 रुपए हर दिन कमाने शुरू कर दिए. हर महीने की कमाई 25 हजार रुपए होने लगी. मेरे पति और बच्‍चे मुझे पर गर्व कर रहे हैं, मुझे भी खुशी है कि मैं परिवार के लिए सहयोग कर रही हूं.' 

नंदिनी ने भी कहा कि उन्हें छाया से मिलकर गर्व महसूस हुआ. छाया ने भी कहा कि जिंदगी हमेशा आसान नहीं होती है, यही कारण था कि उन्‍होंने चैलेंज को स्‍वीकार किया. 

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