दुनिया के सबसे चर्चित मिथिकल क्रिएचर (पैराणिक राक्षस) में से एक लोच नेस मॉन्स्टर को देखने का दावा आज तक कुछ ही लोगों ने किया है. किसी जलपरी की तरह ही इस जीव के सचमुच होने के दावे ही किए जाते रहे हैं. इसी कड़ी में हाल में स्कॉटलैंड की यात्रा पर पहुंचे, एक बार फिर एक टूरिस्ट ने इसे देखने का दावा किया है. जेरोड स्ट्रॉन्ग नाम का ये शख्स पूरी तरह से आश्वस्त है कि उसने सचमुच मॉन्सटर को देखा था. 21 अक्टूबर, 2023 को परिवार के साथ यात्रा के दौरान, उसने उसे देखा. उसने कहा मैं हमशा सोचता था कि वह हरे रंग का होगा. लेकिन उसका रंग अलग था.
'पानी में बैठा गहरे भूरे रंग का विशाल जीव'
जारोड झील के किनारे उर्कहार्ट कास्टल के करीब थे जब पानी के बीच एक चीज पर उनकी नज़र पड़ी. ये पानी में बैठा गहरे भूरे रंग का एक विशाल जीव था. जारोड ने कहा- 'मैं दोपहर करीब 1 बजे अपने परिवार के साथ कास्टल के पास था जब मैंने पानी में कुछ हलचल देखी. फिर पानी थोड़ा और बढ़ने लगा और एक लंबी आकृति पानी से बाहर निकली. वह बहुत विशाल था लेकिन तेजी से अंदर चला गया, मैंने एक लंबा शरीर देखा था. मुझे नहीं पता कि यह पानी के अंदर और कितना लंबा होगा, लेकिन यह वास्तव में डरावना था.
'चार या पांच सेकंड तक दिखाई पड़ा और...'
वह महज चार या पांच सेकंड तक दिखाई पड़ा जिससे जारोड को तस्वीर लेने का समय नहीं मिला और उसके पास केवल यादें ही रह गईं. इस जीव का दिखना पिछले साल हुई ऐसी दस घटनाओं में से एक है. इससे तीन हफ्ते पहले, कुम्ब्रिया के रिचर्ड स्टोरी फोर्ट ऑगस्टस से इनवर्गारी तक पैदल यात्रा पर थे, तब उन्होंने इसे देखने का दावा किया था. उस समय तेजी से सोचते हुए, उसने अपना कैमरा निकाला और दो तस्वीरें खींचीं.
'डबल-डेकर बस के बराबर'
इसके अलावा 7 अक्टूबर को, बाथ, समरसेट की 29 वर्षीय साशा लेक उस समय पूरी तरह से आश्चर्यचकित रह गई जब उसने उस विशाल जानवर को देखा, जिसे उसने 'डबल-डेकर बस' के आकार का बताया था. इसके अलावा, स्थानीय सियोभान जानवे ने भी पानी के ऊपर इस जीव का कूबड़ देखने की बात कही.
1934 में खिंचा गया था एक मात्र फोटो
बताते चलें कि लॉच नेस राक्षस (Loch Ness Monster) एक पानी में रहने वाला दानव है जिसके होने की पुष्टी केवल कथाओं में की गई है. आज तक इसके दिखने की केवल कहानियां ही पाई गई हैं पर कोई पुख्ता सबुत नहीं मिले है. इस दानव के स्कॉटलैंड के लॉच नेस इलाके में होने की बात कही जाती है. इसका एक मात्र फोटो 1934 में खिंचा गया था. इस दानव को लेकर काफ़ी शोध कार्य हुआ है लेकिन आज तक इसके असली होने की साफ़ पुष्टी नहीं की गई है.
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