47 साल बाद न्याय... अदालत ने दोषी माना, सजा सुनाई, अब ऐसे सिर से हटा रेप का झूठा आरोप

शख्स की उम्र 72 साल है. मैक को साल 1975 में गिरफ्तार किया गया था. उन पर एक टीनेज लड़की के रेप का आरोप लगा था. जो एक अन्य लड़की के साथ स्कूल से घर लौट रही थी.

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पांच दशक बाद शख्स को मिला न्याय (प्रतीकात्मक तस्वीर- Pexels) पांच दशक बाद शख्स को मिला न्याय (प्रतीकात्मक तस्वीर- Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

इस शख्स ने जेल में 7.5 साल बिताए. उसे रेप के एक मामले में दोषी साबित किया गया था. जबकि उसने ये अपराध किया ही नहीं. उसे न्याय दिलाने में डीएनए टेस्ट ने अहम भूमिका निभाई है. उसे न्याय मिलने में 47 साल का वक्त लग गया. ये मामला अमेरिका का है और शख्स का नाम लियोनार्ड मैक है. उनकी उम्र 72 साल है. मैक को साल 1975 में गिरफ्तार किया गया था. उन पर एक टीनेज लड़की के रेप का आरोप लगा था. जो एक अन्य लड़की के साथ स्कूल से घर लौट रही थी.

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पुलिस ने श्वेत लोगों के इलाके में संदिग्ध अश्वेत शख्स की तलाश शुरू कर दी. उन्हें यहां अफ्रीकी अमेरिकी मैक मिले. उस वक्त डीएनए टेस्ट की सुविधा नहीं थी. इसी वजह से मैक के पास खुद को सही साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं था. उन्हें रेप के इस मामले में दोषी साबित किया गया.

इसे अमेरिकी इतिहास का सबसे गलत फैसला बताया जाता है. आंकड़े बताते हैं कि ऐसे फैसलों का शिकार प्रमुख तौर पर अश्वेत लोग होते हैं. वहीं इस मामले में दशकों बाद एक डीएनए टेस्ट ने अदालत के फैसले को पूरी तरह पलट दिया था. अपने नाम पर लगे इस दाग को मिटाने के लिए मैक ने लंबी जंग लड़ी और 47 साल बाद उन्हें न्याय मिला.

वर्षों बाद बेगुनाहों को मिला न्याय

रिपोर्ट्स बताती हैं कि साल 1989 के बाद से अभी तक 575 बेगुनाहों को डीएनए टेस्टिंग के कारण ही न्याय मिला है. इनमें से कई अब भी इंतजार में हैं. अमेरिका में अश्वेत लोग कुल आबादी का केवल 13.6 फीसदी हैं लेकिन जिन लोगों के फैसले 1989 से 2022 के बीच पलटे गए हैं, उनमें आधे से अधिक अश्वेत लोग ही हैं. नेशनल रजिस्ट्री ऑफ एक्सोनिरेशंस में इस बात की जानकारी दी गई है. अपने दोषमुक्ति के फैसले को लेकर मैक का कहना है, 'मैं आखिरकार मुक्त हो गया हूं.' 

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