कैसे करते हैं 18-18 घंटे काम? जापान के एक युवक ने वीडियो बनाकर दिखाया ‘शोषण’

जापान में एक ऑफिस कर्मचारी ने अपने 18.5 घंटे लंबे कामकाजी दिन का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. कहा जाता है कि इंसान को अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में संतुलन बनाए रखना चाहिए क्योंकि यही सही जिंदगी जीने का तरीका है, लेकिन जब आपकी प्रोफेशनल लाइफ इतनी व्यस्त और टाइट हो जाए कि पर्सनल लाइफ के लिए कोई जगह ही न बचे.

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कैसे होती है 18.5 घंटे का वर्किंग ऑवर? (Image credit-Pexel) कैसे होती है 18.5 घंटे का वर्किंग ऑवर? (Image credit-Pexel)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:30 PM IST

जापान में एक ऑफिस कर्मचारी ने अपने 18.5 घंटे लंबे कामकाजी दिन का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. कहा जाता है कि इंसान को अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में संतुलन बनाए रखना चाहिए क्योंकि यही सही जिंदगी जीने का तरीका है, लेकिन जब आपकी प्रोफेशनल लाइफ इतनी व्यस्त और टाइट हो जाए कि पर्सनल लाइफ के लिए कोई जगह ही न बचे.

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जापान के इस कर्मचारी ने अपनी थकाऊ और लगातार चलती रहने वाली दिनचर्या को दिखाया है, जिसमें काम के बीच बहुत कम आराम मिलता है. इस वीडियो ने जापान की चमक-दमक के पीछे छिपे एक्सप्लॉइटेशन की हकीकत को सामने ला दिया है.

‘ए डे इन द लाइफ: सैलरीमैन एट अ ब्लैक कंपनी’ नाम के इस वीडियो को यूट्यूब पर लाखों बार देखा जा चुका है। इसमें एक सैलरीमैन के एक दिन की कहानी दिखाई गई है, जिसमें उसकी थकान और निराशा भरी रोज़मर्रा की दिनचर्या को बयां किया गया है।

ऐसी है जिंदगी

वीडियो में दिखाया गया है कि उसका दिन सुबह 7 बजे शुरू होता है और आधी रात के बाद खत्म होता है. वह सुबह 7:16 बजे घर से निकलता है और 90 मिनट के लंबे सफर के बाद ऑफिस पहुंचता है. ऑफिस में सिर्फ दो छोटे ब्रेक लिए गए – 11:35 बजे कॉफी ब्रेक और 1:15 बजे 45 मिनट का लंच ब्रेक. दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 8:15 बजे तक वह लगातार काम करता रहता है.

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जापान में क्या होती है 'ब्लैक कंपनी'

यह सैलरीमैन अपनी कंपनी को ‘ब्लैक कंपनी’ कहता है. जापान में ‘ब्लैक कंपनी’ ऐसे वर्कप्लेस होते हैं जहां कर्मचारियों को लंबे वक्त तक काम करना पड़ता है, कम सैलरी मिलती है और उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है. ये कंपनियां अक्सर नए ग्रेजुएट्स को भर्ती करती हैं जो अनुभवहीन होते हैं और अपनी बात रखने से डरते हैं. वह बताता है कि कई ब्लैक कंपनियां नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों को शर्मिंदा करती हैं और उन्हें देशद्रोही तक कह देती हैं.

काम खत्म होने के बाद वह रात 10:45 बजे घर वापस लौटता है. रात का खाना 11:30 बजे शुरू होता है और आखिर वह 1:15 बजे सोता है. वह कहता है कि लंबे समय तक काम करना उत्पादक नहीं होता। उसने सुना था कि जापान चार दिन का कार्य सप्ताह लागू कर रहा है, लेकिन यह सब अफवाह निकली.

'इंसान ऐसी जिंदगी जीने के लिए नहीं बना'

सोशल मीडिया पर इस स्थिति को अमानवीय बताया जा रहा है. एक यूजर ने लिखा कि इंसान कभी भी इस तरह का जीवन जीने के लिए बने नहीं थे, तो दूसरे ने कहा कि धीरे-धीरे जापान इंसानों को रोबोट बना रहा है। किसी ने कहा कि भारत में जापान की तुलना में वर्किंग कल्चर कहीं बेहतर है.

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