किसने सोचा था कि लगभग खत्म हो चुकी तकनीक पेजर फिर से चर्चा में आ जाएगी? हाल ही में पेजर डिवाइसों में अचानक विस्फोट के कारण लेबनान में 9 लोगों की मौत और हजारों लोग घायल हो गए. इस घटना के बाद हिजबुल्लाह ने इजराइल पर हमला करने का आरोप लगाया, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.
सोशल मीडिया पर पेजर हमले को लेकर काफी हलचल हो रही है. यह घटना इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच पहले से चल रहे तनाव को और बढ़ा रही है. इजराइल ने हमले से इंकार किया है, लेकिन कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स इसे लेकर जश्न मना रहे हैं. इसे इजराइल के खुफिया एजेंसी मोसाद का एक्शन बताया जा रहा है. लोगों के बीच इस हमले पर कई अटकलें चल रही हैं, जहां पेजर का इस्तेमाल और उसकी तकनीकी विफलता चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है.
आइये सिलसिलेवार तरीके से देखतें हैं इसके बारे में क्या बात हो रही है.
चर्चा में आया 'ऑपरेशन बीपर'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर @MossadCommentary नाम का पेज है. यहां अक्सर इजराइल के समर्थन में खबरें और वीडियो पोस्ट किए जाते हैं. इसी से जुड़े एक पोस्ट में 'ऑपरेशन बीपर' का टर्म इस्तेमाल किया गया है. दरअसल, यह टर्म पेजर अटैक के बारे में है, जो मंगलवार को बेरूत समेत कई जगहों पर हुए पेजर धमाकों को दिखाता है. बीबीसी न्यूज के मुताबिक, अब तक नौ लोग मारे गए हैं और 2800 से ज्यादा घायल हैं.
आपको बता दें पेजर को बीपर के नाम से भी जानते हैं. 1950 में पहली बार पेजर का इस्तेमाल न्यूयॉर्क सिटी में हुआ. सबसे पहले इसे 40 किलोमीटर की रेंज में ही संदेश भेजना मुमकिन था. 1980 के दशक में इसका इस्तेमाल पूरी दुनिया में होने लगा.
देखें कुछ पोस्ट
एक पोस्ट में लिखा गया है: 'ऑपरेशन बीपर्स: लेबनान में ईरानी राजदूत की आंखों में गंभीर चोटें आईं. वहीं किसी ने लिखा - 'मेरे एंटी टेरेरिज्म स्टडी के दौरान, मैंने विस्फोटकों के इस्तेमाल से संबंधित कई ऑपरेशंस की स्टडी की है. मुझे कहना होगा कि 'बीपर ऑपरेशन' या 'पेजर ऑपरेशन' हिज्बुल्लाह जैसी आतंकवादी संगठनों को नुकसान पहुंचाने के लिए एक बेहतरीन ऑपरेशन आजतक मैंने नहीं देखा.
क्या है हिज्बुल्लाह-इजराइल के बीच विवाद
हिज्बुल्लाह और इजराइल के बीच तनाव की जड़ फिलिस्तीन का मुद्दा है. हिज्बुल्लाह, जो एक शिया इस्लामिक उग्रवादी समूह है और लेबनान में एक्टिव है. इजराइल के खिलाफ कई हमले किए हैं.हिज्बुल्लाह का दावा है कि वे फिलिस्तीनियों के अधिकारों के समर्थन में हैं. इजराइल की नीतियों के खिलाफ विरोध करते हैं. वे हमास, को समर्थन भी देते हैं जो इजराइल का खुला दुश्मन है.
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