'ओवैसी बालसखा हैं, मोहन भागवत मामा' छुट्टी के लिए इंजीनियर की चिट्ठी, ये मिला जवाब

रव‍िवार की छुट्टी पाने के ल‍िए एक इंजीन‍ियर ने अपने सीन‍ियर को अजीबोगरीब चिट्ठी ल‍िखी ज‍िसमें उसने ल‍िखा क‍ि प‍िछले जन्म में असदुद्दीन ओवैसी उनके बालसखा नकुल थे और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शकुनी मामा.

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इंजीन‍ियर राजकुमार यादव. इंजीन‍ियर राजकुमार यादव.

प्रमोद कारपेंटर / रवीश पाल सिंह

  • आगर मालवा ,
  • 10 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST
  • इंजीनियर ने छुट्टी के लिए लिखी अजीबोगरीब चिट्ठी
  • लिखा 'मुझे हुआ पूर्व जन्म का अहसास'
  • ओवैसी को बताया पिछले जन्म का बालसखा

एमपी के आगर मालवा जिले में रविवार की छुट्टी पाने के लिए एक इंजीनियर ने अजीबोगरीब पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा कि उन्हें अपने पिछले जन्म का आभास हुआ है, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी उनके पिछले जन्म में बचपन के दोस्त थे. इंजीनियर ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को शकुनी मामा तक लिख दिया. मजेदार बात यह है कि अफसर ने भी इंजीनियर की चिट्ठी का उन्ही की भाषा मे जवाब देते हुए हर रविवार ड्यूटी पर रहने का आदेश दिया है. 

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दरअसल, सुसनेर जनपद में पदस्थ उपयंत्री राजकुमार यादव ने अपने पत्र में लिखा कि रविवार को वे जनपद के किसी भी कार्य मे उपस्थित नहीं हो पाएंगे क्योंकि उन्हें कुछ दिनों पहले आभास हुआ है क‍ि आत्मा अमर होती है, साथ ही उन्हें पिछले जन्म का आभास हुआ है. जिसमें असदुद्दीन ओवैसी उनके पिछले जन्म के सखा नकुल थे और मोहन भागवत शकुनी मामा, इसलिए अपने जीवन को जानने के लिए गीता पाठ करना चाहता हूं. साथ ही अपने अंदर के अहंकार को मिटाने के लिए घर-घर जाकर भीख मांगूगा. चूंकि यह उनकी आत्मा का सवाल है इसलिए उन्हें रविवार का अवकाश दिया जाए. 

अहंकार म‍िटाने के ल‍िए रव‍िवार को करें काम 

जनपद पंचायत सुसनेर के ऑफ‍िश‍ियल ग्रुप में पत्र डलने के बाद जनपद पंचायत के सीईओ पराग पंथी ने भी इंजीनियर की भाषा में ही उसका जवाब भी लिख दिया. उन्होंने लिखा, 'प्रिय उपयंत्री, आप अपना अहंकार मिटाना चाहते हैं यह बहुत प्रसन्नता का विषय है, इसमें हमारा अकिंचन सहयोग भी साधक हो सकता है. यह विचार ही मन में हर्ष उत्पन्न करता है. व्यक्ति प्रायः अहंकार से वशीभूत होकर यह सोचता है कि वह अपने रविवार को अपनी इच्छा से बिता सकता है. इस अहंकार को इसके बीजरूप में नष्ट करना आपकी उन्नति के लिए अपरिहार्य है. अतः आपकी आत्मिक उन्नति की अभिलाषा को दृष्टिगत रखते हुए आपको आदेशित किया जाता है कि आप प्रत्येक रविवार कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य करें जिससे रविवार को अवकाश मनाने के आपके अहंकार का नाश हो सके. आपकी आत्मिक उन्नति में साधक बनने की प्रसन्नता के साथ, आपका पराग पंथी (सीईओ, सुसनेर).'

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अब इस अजीबोगरीब चिट्ठी के बाद इंजीनियर को छुट्टी तो नहीं मिली बल्कि हर रविवार को कार्यालय पहुंचकर काम करने का आदेश ज़रूर मिल गया है. 

 

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