“पापा को वक्त नहीं दे पाया, समय रहते बात नहीं की... बेटे ने लिखा इमोशनल पोस्ट, खुद को कहा नाकाम

दिल्ली के एक शख्स का पोस्ट काफी वायरल हो रहा है. इस पोस्ट में शख्स ने बताया कि रात 3:30 बजे अस्पताल के बाहर अपनी कार में बैठा है और लगभग 36 घंटे से सोया नहीं है. उसके पिता को दिल का दौरा पड़ा था और वह हालात को संभालने की कोशिश करता है. उसे यह भी अफसोस है कि वह नौकरी के कारण परिवार से दूर हो गया है और माता-पिता के साथ समय नहीं बिता पाया.

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Delhi youth’s teary post on neglecting father touches hearts Delhi youth’s teary post on neglecting father touches hearts

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:15 AM IST

“पापा को वक्त नहीं दे पाया…” "मैं एक बेटा होने में असफल रहा..." दिल्ली के युवक की इमोशनल पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. दरअसल, युवक ने रेडिट पर एक भावुक पोस्ट लिखी है, जिसमें उसने पिता के दिल का दौरा पड़ने के बाद खुद को 'नाकाम बेटा' बताया. इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर लोगों को भावुक कर दिया है और परिवार के साथ समय बिताने की अहमियत को फिर से सामने ला दिया है कि वक्त न रहने के बाद भी हमें अपने माता-पिता के लिए वक्त निकालना चाहिए. 

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पोस्ट हो रहा वायरल
उस शख्स ने लिखा,"अस्पताल के बाहर बैठा हूं… और लग रहा है कि मैं एक बेटे के रूप में असफल रहा हूं."वह अपने काम से लौट रहा था जब उसकी बहन ने उसे एम्स के पास पहुंचने को कहा. उसे यह नहीं पता था कि उसके पिता को कुछ हुआ है. जब जीजाजी ने कार चलाना शुरू किया, तब जाकर रास्ते में बताया कि पिता को 6 घंटे पहले हार्ट अटैक आया था और वो अस्पताल में हैं.

"मुझे किसी ने बताया तक नहीं…"
युवक ने अपनी पोस्ट में लिखा- गुरुवार को, मेरे पिता को दिल का दौरा पड़ा. मैं उस समय काम पर था, और मुझे किसी ने कुछ नहीं बताया. जब मेरी शिफ्ट खत्म हुई, तो मेरी बहन ने मुझे कॉल किया और कहा कि एम्स के पास मिलो, ताकि कुछ खा सकें. मुझे कुछ अजीब नहीं लगा, तो मैं मान गया. जब मैं वहां पहुंचा, तो मेरे जीजा आए और मेरी कार चलाने लगे और जब हम अस्पताल की ओर जा रहे थे, तब उन्होंने मुझे बताया कि क्या हुआ है. उस पल ने मुझे तोड़ दिया. मेरे पिता पिछले छह घंटे से अस्पताल में थे, और किसी ने भी मुझे बताने की जरूरत नहीं समझी. मुझे लगा जैसे मैं उस पल में कोई मायने ही नहीं रखता. सच कहूं तो, मैं अब भी इस सबको समझने की कोशिश कर रहा हूं. भावनात्मक बोझ के बावजूद, मैंने खुद को मजबूत रखने और जितना हो सके हालात को संभालने की कोशिश की.

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अब, लगभग 36 घंटे बाद भी मैं सही से सो नहीं पाया.  मैं अभी भी कार में बैठा हूं, थका हुआ, परेशान, और एक बेटे के रूप में खुद को असफल महसूस कर रहा हूं. बार-बार ये ख्याल आ रहा है कि मेरे माता-पिता किसी ऐसे बेटे के हकदार हैं, जो उन्हें गर्व महसूस कराए, जो उनके लिए हमेशा मौजूद हो. जब से मैंने ये 10 से 6 की नौकरी शुरू की है, मैं शायद ही कभी अपने परिवार के साथ समय बिता पाया हूं. उसने आगे लिखा- अगर आप ये पढ़ रहे हैं, तो कृपया अपने माता-पिता को नजरअंदाज मत कीजिए. आज ही उन्हें गले लगाइए. उन्हें बताइए कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं. जब तक समय है, उनके साथ वक़्त बिताइए.

रेडिट पर सैकड़ों लोगों ने उसे हिम्मत दी. एक यूज़र ने लिखा-"तुम असफल नहीं हो. तुम्हारे माता-पिता को तुम पर गर्व होगा." दूसरे यूजर ने अपनी कहानी शेयर की कि कैसे उन्होंने भी एक इमरजेंसी में परिवार से बात नहीं की थी, क्योंकि वे घबरा गए थे.

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