मेट्रो सफर में बुजुर्ग महिला को सीट देने के बाद युवक को क्यों हुआ अफसोस, पोस्ट वायरल

दिल्ली मेट्रो में सीट को लेकर अक्सर खींचतान देखने को मिलती है और इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतते हैं युवा यात्री. कभी कोई लड़की कह देती है कि महिला को बैठने दें, तो कभी कोई बुजुर्ग सीट मांग लेता है. बड़ी मुश्किल से मिली सीट भी पलक झपकते हाथ से निकल जाती है. इसी तरह का दर्द हाल ही में एक यूजर ने रेडिट पर शेयर किया, जो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है.

Advertisement
दिल्ली मेट्रो ब्लू लाइन पर युवक की आपबीती, सीट छोड़ने पर हुआ अफसोस  (Representational image from Pexels) दिल्ली मेट्रो ब्लू लाइन पर युवक की आपबीती, सीट छोड़ने पर हुआ अफसोस (Representational image from Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

दिल्ली मेट्रो से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. भीड़ में सीट मिलना किसी लक्जरी से कम नहीं होता, लेकिन कभी-कभी सीट छोड़ना भी पछतावे की वजह बन जाता है. ऐसा ही एक अनुभव ब्लू लाइन पर सफर कर रहे एक युवक ने किया. उसने अपनी कहानी रेडिट पर लिखी और पोस्ट कुछ ही वक्त में वायरल हो गई।

बुजुर्ग के लिए छोड़ी सीट

Advertisement

युवक ने बताया कि एक स्टेशन पर तीन महिलाएं चढ़ीं. दो करीब पच्चीस से तीस साल की और एक उम्रदराज. वे सीधे उसके पास आईं और कहा कि बुजुर्ग महिला को सीट चाहिए. लहजा थोड़ा कड़क था लेकिन उसने सोचा कि बुजुर्ग हैं तो सम्मान देना जरूरी है. उसने सीट छोड़ दी और खुद खड़ा हो गया. कुछ स्टेशन बाद बगल की सीट खाली हुई. युवक जैसे ही बैठने के लिए बढ़ा, बुजुर्ग महिला ने वहां बैग रख दिया और अपनी साथी को बैठा दिया.

पछतावा होने लगा

युवक ने आगे लिखा कि उस समय उसे बहुत बुरा लगा. उसे पहली बार अफसोस हुआ कि सीट छोड़ी ही क्यों. उसके मन में सवाल उठने लगा कि क्या हर बार सहानुभूति दिखाना सही है या कभी-कभी सख्ती जरूरी है.युवक ने रेडिट पर लोगों से राय भी मांगी कि गलती उसकी थी या सामने वाली महिला ही हक जताने वाली थी.

Advertisement

सोशल मीडिया पर लोगों ने क्या कहा

पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर जमकर बहस शुरू हो गई.एक यूजर ने कहा कि पछताना बिल्कुल स्वाभाविक है और युवक सही सोच रहा है.दूसरे ने लिखा कि उसके साथ भी ऐसा ही अस्पताल में हुआ था, उसने सीट छोड़ी लेकिन महिला ने दूसरी खाली सीट पर बैग रखकर रोक दिया.

कुछ लोगों ने कहा कि यह सामाजिक दबाव की वजह से होता है. अगर वह सीट न देता तो पूरा डिब्बा उसे गलत मानता. कई लोगों ने यह भी कहा कि बुजुर्ग लोग इसे अपना हक समझते हैं, जबकि नई पीढ़ी थोड़ा ज्यादा समझदार है.

एक यूजर ने ट्रिक भी बताया कि जब कोई जबरदस्ती सीट मांगता है तो वह कह देता है कि उसकी सर्जरी हुई है और वह खड़ा नहीं हो सकता. इसके बाद लोग चुपचाप आगे बढ़ जाते हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement