जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश क्या होती है? अक्सर यही कि इंसान अपने सपनों को पूरा करे और हर पल को मायने दे, लेकिन किस्मत हमेशा इतनी आसान नहीं होती. इंग्लैंड के सरे में रहने वाले मैक्स वार्डी की कहानी इसी का उदाहरण है.मौत से जूझते हुए भी उन्होंने ऐसा फैसला लिया जिसने हर किसी का दिल छू लिया.उन्होंने अपनी मोहब्बत से शादी कर ली.
फरवरी 2024 में मैक्स ने पैरों में अजीब सुन्नपन महसूस किया. डॉक्टरों को लगा कि यह मामूली समस्या है.महीनों तक इसका इलाज ऐसे ही चलता रहा, लेकिन मई तक आते-आते उन्हें लगातार सिरदर्द रहने लगा. शुरुआत में उन्होंने इसे काम का तनाव समझा, मगर हालत बिगड़ती चली गई.
जानलेवा बीमारी का पता चला
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिम में वर्कआउट के दौरान अचानक नजर धुंधली होने पर CT स्कैन कराया गया. रिपोर्ट ने सबसे बुरी खबर दी—मैक्स को ग्रेड-4 ग्लियोब्लास्टोमा, यानी ब्रेन कैंसर का सबसे आक्रामक और लाइलाज रूप है. डॉक्टरों ने कहा कि उनके पास जिंदगी के केवल 12 से 18 महीने बचे हैं.
तीन दिन में हुई शादी
इतने मुश्किल वक्त में मैक्स ने हिम्मत दिखाई.उन्होंने अपनी 25 वर्षीय गर्लफ्रेंड जॉर्जी इंग्लिश को प्रपोज कर दिया. उनके लिए यह सिर्फ शादी नहीं, बल्कि मौत के साये में जीते-जी प्यार को सेलिब्रेट करने का मौका था.जॉर्जी ने भी पूरे दिल से उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया.
मैक्स की हालत तेजी से बिगड़ रही थी, इसलिए कपल ने जल्द से जल्द शादी का प्लान बनाया. महज तीन दिन में सारी तैयारियां पूरी कर ली गईं.20 अगस्त को, परिवार और दोस्तों की मौजूदगी में दोनों ने शादी कर ली. यह दिन केवल शादी नहीं, बल्कि प्यार, हिम्मत और इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल बन गया. जॉर्जी ने कहा कि हमें पता था कि अब या कभी नहीं. मैक्स की हालत गिर रही थी, लेकिन हम ये पल यादगार बनाना चाहते थे.
उम्मीद और हिम्मत की मिसाल
डॉक्टरों ने इलाज के लिए रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी शुरू करने की बात कही. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में मैक्स की बोलने और सोचने की क्षमता भी प्रभावित होगी. बावजूद इसके, मैक्स और जॉर्जी ने तय किया कि वे अपनी जिंदगी को बीमारी से नहीं, बल्कि प्यार और हिम्मत से परिभाषित करेंगे.
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