अहमदाबाद से लंदन जारी फ्लाइट हादसे में सिर्फ विमान ही नहीं कई परिवारों के सपने, भविष्य और अरमान भी तबाह हो गए. इस हादसे में जहां 265 लोगों की जान चली गई, वहीं इनसे जुड़ी दूसरी जिंदगियों में एक भूचाल आ गया. किसी ने अपना बेटा खोया, तो किसी ने मां और पिता, तो किसी की बेटी.
इस हादसे की वजह से कुछ लोगों का इंतजार कभी खत्म नहीं होगा. क्योंकि जो लौट कर आने वाले थे, वो अब कभी नहीं आएंगे. कई लोग भी इस हादसे का शिकार हुए जो पहली बार अपने सपने को पूरा करने के लिए उस विमान में सवार हुए थे. आइए जानते हैं प्लेन क्रैश में मारे गए उन परिवारों की कहानी, जिनके लिए ये हादसा जिंदगी भर के लिए टीस बन गई.
शादी के 5 महीने बाद पति के पास पहली बार लंदन जा रही थी खुशबू
अहमदाबाद में क्रेश हुए प्लेन में राजस्थान के बालोतरा नवविवाहित खुशबू भविष्य के सपने संजोए सवार थी. उसकी शादी इसी साल 18 जनवरी को हुई थी. कई अरमान लिए वह अपने पति के पास लंदन जा रही थी. खुशबू के पति विपुल लंदन में डॉक्टर हैं. शादी के दो महीने बाद विपुल लंदन लौट गए थे और अब उनकी पत्नी एक नई जिंदगी शुरू करने वहां जा रही थी. खुशबू को उसके पिता मदन सिंह एयरपोर्ट छोड़ने आए थे. एयरपोर्ट पर उन्होंने बेटी के साथ आखिरी तस्वीर खिंचवाई और व्हाट्स एप पर स्टेटस लगाया - आशीर्वाद खुशबू बेटा गोइंग टू लंदन. वहीं लंदन में खूशबू के आने का पति को बेसब्री से इंतजार था. पिता से विदा लेकर खूशबू न तो विपुल के पास पहुंच पाई और न अब कभी अपने घर लौटेगी.
सूरत से ईद मनाकर लंदन लौट रहा था परिवार
अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया का जो प्लेन क्रैश हुआ, उसमें सूरत शहर के रामपुरा इलाके में रहने वाला एक मुस्लिम परिवार भी सवार था. ये परिवार लंदन से ईद मनाने अपने घर सूरत आया हुआ था. पड़ोसी निकुंज पानेरिया ने बताया कि हमारे पड़ोस में अब्दुल्ला भाई नाना बाबा रहते हैं. उनका बेटा, पत्नी और बेटी के साथ लंदन से सूरत ईद मनाने आया था. अपने पिता के साथ ईद मनाकर तीनों गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रहे थे और प्लेन क्रैश हो गया. अब तक तीनों की कोई खोज खबर नहीं आई है.
प्लेन क्रैश में खत्म हो गया इस डॉक्टर का पूरा परिवार
अहमदाबाद में प्लेन क्रेश में राजस्थान के बांसवाड़ा के एक डॉक्टर का पूरा परिवार खत्म हो गया. डॉक्टर प्रतीक जोशी लंदन में सेटल थे. एअर इंडिया की फ्लाइट से अपनी पत्नी दो जुड़वां बेटी और एक बेटे के साथ वो हमेशा के लिए लंदन जा रहे थे. प्रतीक जोशी ने पूरे परिवार के साथ अब लंदन में ही रहने का फैसला किया था. यही वजह है कि सभी काफी खुश थे कि अब पूरा परिवार एक जगह एक साथ रहेगा. प्लेन टेक ऑफ से पहले इस परिवार ने आखिरी सेल्फी ली थी. सभी के चेहरे पर लंदन जाने की खुशी और नई जिंदगी शुरू करने की चमक साफ दिखाई दे रही थी. अब घटना की जानकारी मिलने के बाद बांसवाड़ा स्थित पैतृक घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है. ॉ
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केबिन क्रू दीपक पाठक आखिरी बार मां को कहा - गुड मॉर्निंग
महाराष्ट्र के बदलापुर के रहने वाले दीपक पाठक एअर इंडिया के स्टाफ थे. गुरुवार दोपहर अहमदाबाद में क्रैश हुए हुए लंदन जाने वाले एअर इंडिया के विमान में वो केबिन क्रू मेंबर के रूप में सवार थे. प्लेन क्रैश में मौत की खबर मिलने के बाद उनके दोस्त और परिजन की भीड़ उनके बदलापुर स्थित घर पर उमड़ पड़ी. दीपक पाठक ने आखिरी बार अपनी मां से बात की थी. उसके आखिरी शब्द थे - गुड मॉर्निंग. उनकी बहन ने बताया कि दुर्घटना की खबर आने के बाद से उन्हें उनकी स्थिति के बारे में कुछ नहीं पता चला है. परिवार के एक सदस्य ने बताया कि दुर्घटना की खबर सार्वजनिक होने के बाद जब उन्होंने संपर्क करने की कोशिश की तो उनका फोन बज उठा, हालांकि किसी ने फोन नहीं उठाया.जब तक यह फोन बजता रहेगा, हम उम्मीद नहीं छोड़ेंगे. दीपक 11 साल से एअर इंडिया में बतौर केबिन क्रू काम कर रहे थे.
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हमेशा के लिए भारत लौटने के सपने संजोए लंदन जा रही थी रंजीता
केरल की 39 साल की नर्स रंजीता गोपाकुमार गुरुवार को अहमदाबाद में हुए दुखद विमान हादसे का शिकार बन गईं. दो बच्चों की मां रंजीता विदेश में कुछ साल रहने के बाद फिर से सरकारी सेवा में शामिल होने की उम्मीद में अपनी नौकरी से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए चार दिन पहले ही यूके से भारत लौटी थीं. रंजीता केरल सरकार की स्वास्थ्य सेवा में नर्स के रूप में काम करती थीं, लेकिन अपने दो बच्चों - 15 साल के इंदुचूडन और 12 साल की इथेका के लिए बेहतर जीवन की उम्मीद में सरकारी नौकरी से छुट्टी लेकर विदेश चली गई थीं. पिता के निधन के बाद मां और अपने बच्चों की परवरिश के लिए अब उसने हमेशा के लिए भारत लौट आने की योजना बनाई थी. दुर्घटना के दिन, रंजीता यूके के अस्पताल से अपना रिलीज सर्टिफिकेट लेने वापस लंदन जा रही थी. ताकि केरल में फिर से अपनी सरकारी नौकरी शुरू कर सके. लेकिन किस्मत ने उसकी भविष्य की योजनाओं पर क्रूर प्रहार किया. उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई.
अहमदाबाद विमान हादसे में यूपी के दंपति की मौत
आगरा के अकोला इलाके के रहने वाले नीरज लवानियां और उनकी पत्नी भी अहमदाबाद से लंदन के लिए जा रहे विमान में सवार थे. नीरज वड़ोदरा की फेदर स्काई विलास कॉलोनी में परिवार संग रहते थे. लंदन यात्रा पर रवाना हुए नीरज लवानियां कंपनी में मैनेजर थे . सुबह 9 बजे भाई सतीश को कॉल कर टैक्सी से एयरपोर्ट निकलने की जानकारी दी थी. उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हो सका. हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने के बावजूद कोई पुख्ता सूचना नहीं मिली.
20 को लंदन जाने की कही थी बात, लेकिन 12 जून को ही निकल गए
अहमदाबाद से लंदन जा रहे हैं एअर इंडिया के विमान में सूरत के डॉक्टर हितेश शाह भी अपनी पत्नी अमिता शाह के साथ सवार थे. दोनों लंदन में रहने वाली बहन की बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए जा रहे थे. डॉ हितेश शाह जहां काम करते थे, उस अस्पताल प्रशासन को बताया था कि वह 20 जून को लंदन जाने वाले थे. अब पता चला कि वह 12 जून को ही लंदन के लिए निकल गए थे. हितेश शाह एक जनरल सर्जन थे और अपना प्राइवेट हॉस्पिटल बंद करने के बाद ट्रस्ट के एक अस्पताल के साथ जुड़े थे.
पिता चलाते थे लोडिंग रिक्शा, बेटी पहली बार फ्लाइट में बैठी थी
गुजरात के साबरकांठा की एक लड़की भी एअर इंडिया के उस विमान में सवार थी जो अहमदाबाद से टेक ऑफ होते ही हादसे का शिकार हो गया. लड़की का नाम पायल खटीक है. वह मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली थी और हिम्मतनगर में व्यवसाय करने वाले खटीक परिवार से ताल्लुक रखती थी. पिता ने लोडिंग रिक्शा चलाकर बेटी को पढ़ाया था. अभी भी पिता सुरेशभाई खटीक रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं. पायल खटीक एक निजी कंपनी में काम करती थीं. कंपनी की ओर से लंदन जा रही थीं. पायल खटीक पहली बार फ्लाइट में बैठी थीं. पायल की मौत की खबर के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है.
12वीं के बाद आगे की पढ़ाई करने जा रहा था लंदन
अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला एअर इंडिया का विमान गुरुवार को टेक ऑफ करते ही हादसे का शिकार हो गया. इस दुर्घटना में खेडा के महेमदावाद के वणसोली गांव के एक युवक की मौत हो गई. इसका नाम रुद्र था और वह सिर्फ 20 साल का था. रुद्र 12वीं पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए लंदन जा रहा था. पहले रूद्र ने कनाडा के लिए अप्लाई किया था. बाद में विजा नहीं मिलने पर लंदन में स्टूडेंट विजा के लिए अप्लाई किया था, जो उसे मिल भी गया. वह पहली बार लंदन जा रहा था. अब उसे वहीं आगे की पढ़ाई करने थी.
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