गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास क्रैश साइट से काले धुएं का उठा गुबार और हादसे के खौफनाक मंजर से दिल दहला देने वाला है. अहमदाबाद से लंदन जा रहे विमान में 242 लोग सवार थे. इनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर थे. अधिकारियों ने आशंका जताई है कि इस हादसे में किसी का बच पाना काफी मुश्किल है.
अहमदाबाद में आज यानी 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रहा प्लेन टेक ऑफ के साथ ही क्रैश कर गया. इस भीषण विमान दुर्घटना ने भारत सहित पूरी दुनिया को झझकोर कर रख दिया है. आज से 75 साल पहले यानी 12 जून 1950 भारत से करीब 3 हजार किलोमीटर दूर एक ऐसा ही बड़ा विमान हादसा हुआ था.
12 जून 1950 को बहरीन के पास प्लेन हुआ था क्रैश
एयर फ्रांस का एक विमान डगलस डीसी-4 विमान बहरीन हवाई अड्डे के पास लैंड करने के दौरान समुद्र में जा गिरा. इस हादसे में 46 लोग मारे गए थे. एयर फ्रांस का विमान साइगॉन से पेरिस के लिए उड़ा था. इस बीच पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट पर विमान का ठहराव हुआ. विमान ने शाम 4 बजे पाकिस्तान से बहरीन के लिए उड़ान भरी.
रात 9 बजे के करीब विमान ने बहरीन एप्रोच कंट्रोल को फोन करके इसकी ऊंचाई 6500 फीट बताई और उतरने की मंजूरी मांगी. एप्रोच कंट्रोल ने 2000 फीट नीचे उतरने की मंजूरी दी. इसके बाद विमान हवाई क्षेत्र के ऊपर से लगभग 1000 फीट की ऊंचाई पर आ गया. विमान को अपनी स्थिति बताते हुए फिर से उतरने की सूचना दी. टावर कंट्रोल ने इसे स्वीकार कर लिया और रनवे पर उतरने की अनुमति दे दी.
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समुद्र में ही लैंड कर गया था विमान
इसके बाद एयर फ्रांस का विमान समुद्र में पानी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
एयर फ्रांस डगलस डीसी-4 विमान बहरीन हवाई अड्डे के समीप समुद्र में समा चुका था. इस पर सवार 46 लोग मारे गए थे और सिर्फ 6 लोग बच पाए. दुर्घटना के 8 घंटे बाद रनवे के अंत से 3.3 मील दूर 12 फीट पानी में मलबा मिला. दो दिन बाद उसी जगह एयर फ्रांस का एक और विमान रात में बहरीन एयरपोर्ट पर उतरते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें 40 लोग मारे गए थे.
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हादसे की ये वजह आई सामने
जांच में पता चला कि पायलट-इन-कमांड ने एयरपोर्ट से एप्रोच प्रक्रिया के दौरान अपनी ऊंचाई और उतरने की दर की सटीक जांच नहीं की. इस वजह से उसका विमान समुद्र की सतह पर ही उतर गया. इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि पायलट-इन-कमांड थकान महसूस कर रहा था. इसके बाद बहरीन हवाई अड्डे को भी उपयुक्त रनवे एप्रोच और रोशनी से लैस करने पर विचार किया गया.
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