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ब्रेन ट्यूमर ऑपरेशन के दौरान युवक की निकाली गई हड्डी गायब, थाने पहुंचे परिजन

धर्मेंद्र कुमार शर्मा
  • इंदौर,
  • 12 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 9:43 PM IST
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मध्य प्रदेश के इंदौर में एक शख्स ने निजी अस्पताल पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. युवक के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के दौरान अस्पताल प्रबंधन ने उसके सिर की हड्डी निकाल कर रख ली.

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मामला उज्जैन के ज्योतिनगर का है.  सुरेश परमार के 33 साल के बेटे के ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन इंदौर के सीएचएल अस्पताल में 20 जून को हुआ था. परिजनों ने बताया कि उन्होंने इसके लिए दूसरे शहर से डॉक्टर को बुलवाया था. (सांकेतिक तस्वीर/Getty)
 

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युवक के मुताबिक न्यूरो सर्जन ने उसके आधे सिर की हड्डी निकाली और अस्पताल में ही रखवा दिया. कहा गया था कि चार माह बाद ब्रेन के रिकवर होने और ट्यूमर ठीक होने के बाद उस हड्डी को दोबारा लगा दिया जाएगा. परिजनों के मुताबिक ऑपरेशन के बाद रिकवरी होने पर जब वो हड्डी लगवाने के लिए अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल की तरफ से उसे दूसरी हड्डी लाने को कह दिया गया.
 

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युवक ने बताया कि उसे अब अस्पताल की तरफ से कहा जा रहा है कि दूसरी हड्डी लेकर आओ जिसे हम लगा देंगे. युवक की तरफ से लगे आरोपों को खारिज करते हुए निजी अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि परिजनों की स्वीकृति के बाद हड्डी को नष्ट कर दिया गया था.  युवक के पिता सुरेश परमार ने आरोप लगाया है कि अस्पताल ने उनके बेटे के शरीर की हड्डी पैसे लेकर किसी और मरीज को लगा दी. (सांकेतिक तस्वीर/Getty)

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युवक के परिवार ने अब अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इंदौर के एमआईजी थाने में 9 अगस्त 2021 को शिकायत दर्ज कराई है.  
 

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बिजली कंपनी में सेक्शन ऑफिसर के पद से रिटायर हो चुके युवक के पिता सुरेश परमार ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने हड्डी को नष्ट करने के लिए हमसे कोई स्वीकृति नहीं ली थी ना ही इसकी कोई सूचना दी थी. (सांकेतिक तस्वीर/Getty)

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युवक के पिता ने कहा अब मेरे बेटे को फिर से दूसरी हड्डी लगाने पर करीब पांच लाख रुपए का खर्च आएगा जो हम देने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा पहले ही ऑपरेशन में 15 से 20 लाख रुपए का खर्च हो चुके हैं. (सांकेतिक तस्वीर/Getty)

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विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसी हड्डी पांच साल तक खराब नहीं होती है. उसे अस्पताल में सुरक्षित रखा जा सकता है जिसे फिर से उसी मरीज को लगाई जा सकती है जिसके शरीर से पहले उसे बाहर निकाला गया है. बता दें सिर की हड्डी को दिमाग का सेफ्टी वॉल कहा जाता है जो ब्रेन को सुरक्षित रखती है. (सांकेतिक तस्वीर/Getty)


 

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