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कच्ची शराब के लिए बदनाम गांव की महिलाओं का फैसला, कोरोना से बचाव के लिए लाठ‍ियां उठाकर इलाका क‍िया सील

राजेश भाटिया
  • बैतूल ,
  • 27 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST
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मध्य प्रदेश के बैतूल में कोरोना के खिलाफ जंग में महिलाएं अपना योगदान दे रही हैं. महिलाओं ने जनता कर्फ्यू लगा कर हाथों में लाठी लेकर पहरा देना शुरू कर दिया है. 

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कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण से हर कोई हैरान परेशान है. ऐसे में  सरकार और स्थानीय प्रशासन तो कड़े फैसले ले ही रहा है, लोगों को भी अपनी जान बचाने के लिए कड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं.

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बैतूल के एक गांव में भी ग्रामीणों ने पूरे गांव को लॉक कर दिया है. खास बात यह है क‍ि इसका फैसला गांव की महिलाओं ने किया है और जनता कर्फ्यू लगा कर वे खुद लाठियां लेकर गांव की निगरानी कर रही हैं कि कोई गांव में प्रवेश तो नहीं कर रहा है.
 

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बैतूल का करीबी गांव चिखलार यूं तो कच्ची शराब बिक्री के लिए बदनाम रहा है लेकिन इस बार गांव की महिलाओं ने इसे लॉक कर सुर्खियों में ला दिया है. महिलाओं ने गांव में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.  

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यहीं नहीं वह गांव के करीब से गुजरने वाले स्टेट हाईवे पर भी आने जाने वालों की निगरानी कर रही हैं. महिलाओं ने यहां लाठी लेकर मोर्चा संभालते हुए गांव की सभी सीमाएं बांस के बैरिकेड लगाकर सील कर दी है. गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति, अतिथि, मेहमान का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है.
 

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महिलाएं यहां पूरे दिन चौकीदारी करती हैं कि कोई गांव में प्रवेश ना करें. इसके साथ ही वह आने जाने वालों को भी रोकती-टोकती हैं. यहां तक कि वे फालतू घूमने वालों पर लाठियां बरसाने से भी नहीं चूकतीं. महिलाओं के मुताबिक अपने गांव को संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें यह कड़ा फैसला करना पड़ा है. खास बात यह है कि इस गांव में एक भी संक्रमित अब तक नहीं है. 

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