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तालिबान का ऐसा खौफ, एयरपोर्ट से घर लौटने को तैयार नहीं महिलाएं

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 7:13 PM IST
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अफगानिस्तान में 14-15 अगस्त की रात आतंकी संगठन तालिबान के देश की सत्ता पर कब्जे करने के बाद से ही वहां अफरातफरी का माहौल है. एयरपोर्ट पर हजारों लोग अभी भी देश छोड़ने के लिए फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं. काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा में लगी अमेरिकी फोर्स ने वहां से सभी कमर्शियल विमान की आवाजाही को रद्द कर दिया है. 

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इसके बाद भी काबुल एयरपोर्ट पर रनवे से लेकर टर्मिनल बिल्डिंग तक हजारों लोग देश छोड़ने के लिए बैठे हुए हैं और उन्हें उम्मीद है कि कोई देश उनकी मदद के लिए आगे आएगा और वो तालिबान के साये से दूर चले जाएंगे. ऐसे में हमारे सहयोगी चैनल इंडिया टुडे के रिपोर्टर ने काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने के लिए जमा हुए लोगों से बात की और उनसे जानने की कोशिश की वो किन परिस्थितियों में अफगानिस्तान छोड़ने पर मजबूर हैं.

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एयरपोर्ट पर कई ऐसे परिवार देश से बाहर निकलने का इंतजार करते नजर आए जिनके बेहद छोटे-छोटे बच्चे हैं. एयरपोर्ट पर फ्लाइट के इंतजार में एक ऐसी महिला भी बैठी हुई है जिसके जुड़वां बच्चे हैं और उनकी उम्र महज 4 साल है. हमारे सहयोगी चैनल इंडिया टुडे के रिपोर्टर नवीन सुल्तानी ने बताया कि काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बैठी ऐसी सैकड़ों महिलाएं अपना घर-बार छोड़कर बस किसी तरह यहां से दूसरे देश चली जाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि वो घर वापस नहीं जाना चाहती हैं.

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इंडिया टुडे के रिपोर्टर ने अफगानिस्तान के आर्मी में काम कर चुके एक शख्स से भी बात की जो काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़कर कहीं भी जाने के लिए तैयार था. उस शख्स ने बताया कि उसे मजबूरी में ये फैसला लेना पड़ा है. 

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पूर्व सैनिक ने कहा, मैंने 20 साल तक अफगानिस्तान में शांति के लिए काम किया लेकिन अब मैं बेरोजगार हूं. उन्होंने कहा यहां उनके परिवार के लिए टेंशन बढ़ती जा रही है और हमारे लिए अफगानिस्तान छोड़ना बेहद जरूरी हो गया है.
 

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बता दें कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भागने के साथ ही 14 अगस्त की रात को तालिबान ने काबुल पर भी कब्जा कर लिया था जिसके बाद अफगान सेना ने भी सरेंडर कर दिया. काबुल में बिना लड़े ही तालिबान का राजधानी पर कब्जा हो गया था.

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