गैंगस्टर विकास दुबे का खेल भले ही खत्म हो गया हो लेकिन उसके काले कारनामों की परतें एक-एक करके खुल रही हैं. इसी कड़ी में जब एनकाउंटर के बाद विकास दुबे की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी गई तो कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं.
(Vikas Dubey: File Photo)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूपी पुलिस से विकास दुबे और उसके
परिवार के सदस्यों, सहयोगियों के साथ आपराधिक गतिविधियों में सहयोगियों का
विवरण मांगा है. प्रवर्तन निदेशालय ने विकास दुबे के खिलाफ आपराधिक मामलों
की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी मांगी है.
इसी दौरान यह जानकारी
मिली कि नोटबंदी के पहले के करीब 6.30 करोड़ रुपए की नगदी को विकास दुबे ने
2% सूद पर चलाया था, बताया जा रहा है कि जय बाजपेई ने इस 2% को 5% छूट पर
मार्केट में दे रखा है. जय बाजपेई वही शख्स है जो विकास दुबे का फाइनेंसर
और सबसे विश्वस्त था. इतना ही नहीं उसके माध्यम से विकास दुबे ने अपनी काली
कमाई का हिस्सा दुबई और थाईलैंड में निवेश किया है.
विकास दुबे के
रिश्तेदारों के नाम से मिले प्रॉपर्टी के दस्तावेज के मुताबिक विकास
दुबे ने कई लोगों का पैसा नोटबंदी के दौरान इंवेंस्ट किया था. करीब पचास
करोड़ रुपये विकास ने नोटबंदी के दौरान पॉपर्टी ख़रीदने में लगाये थे,
जिसमें से काफी पैसा कानपुर के एक व्यवसायी का था. इसके अलावा कुछ
अधिकारियों के नाम भी आ रहे हैं.
इन सबके अलावा विकास दुबे के नाम से लखनऊ में दो बड़े मकान हैं. फिलहाल विकास
दुबे की पत्नी ऋचा दुबे से पुलिस ने कई मामलों में पूछताछ की है और खासकर
नेताओं और व्यापारियों के साथ संबंध को लेकर भी पूछताछ हुई है.
एनकाउंटर
से पहले कानपुर में स्थानीय प्रशासन ने विकास दुबे के किले जैसे घर को उसी
जेसीबी से मिट्टी में मिला दिया था जो पुलिस टीम के घेराव में इस्तेमाल की
गई थी. फिर उसकी कारों को जेसीबी के नीचे कुचला गया. प्रशासन की लखनऊ वाले घर पर भी नजर है. संपत्ति को लेकर जांच पड़ताल जारी
है.
मालूम हो कि कानपुर कांड का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे उत्तर
प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ एनकाउंटर में 10 जुलाई की सुबह
मार दिया गया था. यूपी एसटीएफ की गाड़ी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के
उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी. बारिश होने की वजह से कानपुर में एंट्री
से पहले अचानक रास्ते में गाड़ी पलट गई और विकास दुबे ने भागने की कोशिश
की थी, इसी में वह मारा गया.
अब पुलिस विकास दुबे के मददगारों, उसकी गैंग के अन्य सदस्यों की धरपकड़ कर रही तो दूसरी तरफ संपत्ति की जांच भी शुरू हो गई है.