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यूरोप नहीं ये है भारत का गांव, यहां घूमने का अलग आनंद, तस्वीरें वायरल

aajtak.in
  • 08 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST
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केरल में हाल ही में एक ऐसा पार्क बनाया गया है, जो घरों के बीच में है. इस पर गाड़ियों के चलने की मनाही है. सिर्फ लोग पैदल ही चल सकते हैं. ये केरल के पारंपरिक घरों के बीच आधुनिक निर्माण का बेहतरीन नमूना है. देखने से ऐसा लगता है कि हम कहीं यूरोपीय देश में आ गए हैं. जैसे ही केरल के टूरिज्म मिनिस्टर ने इसका उद्घाटन किया ये सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. आइए देखते हैं इस खूबसूरत पार्क की तस्वीरें...(फोटोः कडकमपल्ली सुरेंद्रन)

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केरल के कोझिकोड जिले के वडाकरा के पास काराकड गांव में बनाए गए इस पार्क का नाम है वागभटानंद पार्क (Vagbhatananda Park). इसका उद्घाटन केरल के पर्यटन मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने किया. इसके बाद सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें वायरल होने लगी और उसकी तुलना यूरोपीय देशों की सड़कों से की जाने लगी. (फोटोः कडकमपल्ली सुरेंद्रन)

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इस पार्क में पक्की सड़कें, उसके बगल क्यारियां, बेहतरीन यूरोपीय डिजाइन की लाइट्स, आधुनिक इमारतें, ओपन स्टेज, ओपन जिम, बैडमिंटन कोर्ट और चिल्ड्रन पार्क बनाया गया है. पार्क के दोनों तरफ बनाए गए शौचालयों में दिव्यांग लोग भी जा सकते हैं. इतना ही नहीं, इस पार्क के रास्तों में टैक्टिकल टाइल्स लगाई गई हैं, ताकि दृष्टिहीन लोग भी इस रास्ते का पूरा आनंद उठा सकें. (फोटोः कडकमपल्ली सुरेंद्रन)

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पर्यटन मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि इस पार्क से इस गांव की तस्वीर बदल जाएगी. इस पार्क को बनाने का सपना बिना स्थानीय लोगों के सहयोग के पूरा नहीं होता. ये पार्क सबसे पहले यहां के स्थानीय लोगों के लिए है. अब इस पार्क को देखने के लिए देश-दुनिया भर से लोग आएंगे. इससे स्थानीय लोगों की आर्थिक-सामजिक स्थिति भी सुधरेगी. (फोटोः कडकमपल्ली सुरेंद्रन)

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यहां पर पहले से ही पार्क था लेकिन उसकी हालत बहुत खराब थी. जब प्रशासन और सरकार ने नया पार्क बनाने की योजना बनाई तो उसमें स्थानीय लोगों ने बखूबी भाग लिया. डिजाइनिंग, रिनोवेशन और पार्क के पूरा होने तक लोकल लोगों ने आइडिया दिया. साथ ही निर्माण के वक्त अपना पूरा समय दिया ताकि पार्क की खूबसूरती में कोई कमी नहीं आए. (फोटोः कुमार मनीष)

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इस पार्क का नाम स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता वागभटानंद गुरू के नाम पर रखा गया है. इस पार्क को थोड़ा बड़ा भी किया गया है. इसे ओंचियम-नादापुरम रोड की तरफ थोड़ा सा बढ़ाया गया है ताकि लोग आधुनिकता के साथ विलेज वॉक का मजा ले सकें. (फोटोःगेटी)

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इस पार्क को बनाने में 2.80 करोड़ रुपए की लागत आई है. इसे बनाने में उरालुंगल लेबर कॉन्ट्रैक्टर्स कॉपरेटिव सोसाइटी ने मदद की है. इस सोसाइटी की स्थापना वागभटानंद गुरु ने ही की थी. सोशल मीडिया पर इस पार्क की तस्वीरें आने के बाद लोग इसे देखने के लिए उत्साहित हो रहे हैं. लोग सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं.  (फोटोःगेटी)

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