अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर रहेंगे. ट्रंप की इस यात्रा को लेकर काफी जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं और इससे भारत को काफी उम्मीदें भी हैं. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपतियों की भारत यात्रा के इतिहास पर नजर डालें तो पहली बार दिसंबर 1959 में आजाद भारत में किसी अमेरिकी प्रेसिडेंट ने यात्रा की थी. (Credit: US Embassy-New-Delhi/Flickr)
1959 में जब अमेरिका के राष्ट्रपति ड्विट डी ईसेनहॉवर (Dwight D Eisenhower) भारत आए थे तो लोगों ने दिल खोल कर उनका स्वागत किया था. उन्हें देखने के लिए बड़ी भीड़ उमड़ पड़ी थी. वहीं, ट्रंप की प्रतिक्रियाओं से लगता है कि उन्हें भीड़ काफी पसंद है और उन्होंने खुलकर कहा भी है कि मोदी ने उन्हें बताया कि 50 से 70 लाख लोग अहमदाबाद एयरपोर्ट के बाहर उनके स्वागत के लिए खड़े होंगे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1959 में जब 5 दिनों के दौरे पर ईसेनहॉवर भारत आए थे तो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अमेरिकी राष्ट्रपति को प्रभावित करने के लिए करीब 10 लाख लोगों की भीड़ जमा की थी. अमेरिकी मीडिया ने यही आंकड़ा बताया था. हालांकि, कुछ लोगों का मानना था कि 10 लाख की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई गई थी. (Credit: US Embassy-New-Delhi/Flickr)
1959 में शीत युद्ध का वक्त था और अमेरिका को लगता था कि भारत गलत पक्ष ले रहा है. लेकिन 1959 में अमेरिकी राष्ट्रपति जब दिल्ली के रामलीला मैदान में आए तो दिल्ली की तमाम सड़कों पर लोग उनके स्वागत के लिए खड़े थे. तब एक अमेरिकी पत्रकार ने लिखा था कि दुनिया में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा स्वागत समारोह है. (Credit: US Embassy-New-Delhi/Flickr)
नेहरू ने भी तब इसे लोगों का सबसे बड़ा स्वागत बताया था. बाद में शीत युद्ध से जुड़ी असहमतियों के बावजूद ईसेनहॉवर नेहरू के प्रशंसक हो गए थे. वहीं, बाद में कई अन्य अमेरिकी राष्ट्रपति के मन में भी ये सवाल रहता था कि क्या उनके विदेशी दौरों पर इसी तरह भीड़ उमड़ेगी.