भारत में रियासतों को दौर तो खत्म हो गया लेकिन उनके खजाने आज भी कई जगह दबे हुए हैं. ऐसी ही एक रियासत है रामपुर, जहां आखिरी नवाब रजा अली खान की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है. इसी कड़ी में नवाब के स्ट्रांग रूम का पता चला है. कहा जा रहा है इसमें बेशकीमती खजाना भरा पड़ा है. इस स्ट्रांग रूम को लंदन की एक कंपनी ने बनाया था जिसका दावा है कि बिना चाबी के यह नहीं खुल सकता, चाहे यहां बम विस्फोट ही क्यों न करा दिया जाए.
रामपुर रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खान की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया लगातार जारी है. आपको बता दें रियासती दौर के आखिरी नवाब मरहूम रजा अली खान की संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ, शिया पर्सनल लॉ के हिसाब से सभी वारिसों में किया जाएगा. नवाब की चल-अचल संपत्ति का वैल्यूएशन होना है. उसके बाद पार्टीशन स्कीम तैयार करके उनके 16 वारिसों में बंटना है.
नवाब की चल-अचल संपत्ति में बहुत सी एंटीक और बेशकीमती चीजें शामिल है जिसमें मशहूर कंपनियों के ब्रांडेड हथियार जैसे पिस्टल,राइफल हैं. इसके अलावा सोना-चांदी जड़ित तलवारें और चाकू भी पाए गए. इन सभी संपत्तियों के अलावा नवाब के पैलेस में एक स्ट्रांग रूम भी शामिल है जिसमें बेशकीमती हीरे-जवाहरात, सोना-चांदी होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
फिलहाल इस स्ट्रांग रूम को खोलने के लिए कोर्ट से आदेश कराया गया है जिसके
बाद से करीब 3 दिन तक इसे खोलने की कोशिश की गई लेकिन अभी तक स्ट्रांग रूम
नहीं खुल पाया है. इसकी प्रक्रिया निरंतर जारी है.
इस स्ट्रांग रूम के बारे में कहा जाता है कि यह लंदन की एक मशहूर कंपनी चब
ने तैयार किया था. इसे आसानी से नहीं खोला जा सकता और कंपनी का दावा है कि
बम ब्लास्ट से भी इस लॉकर पर कोई असर नहीं पड़ेगा. स्ट्रांग रूम की दीवार
लोहे की बनी हुई हैं. अब यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि क्या स्ट्रांग रूम
खुलने के बाद नवाब खानदान का एक और बेशकीमती खजाना सामने आएगा.
एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया कि नवाब रजा अली खान के
पास हर चीज एंटीक बेशकीमती और कुछ अनोखी है. जैसे वहां आर्मरी खुली है तो
आर्मरी में भी अच्छे हथियार मिले हैं. हथियार खूबसूरत भी हैं और मशहूर
कंपनियों के हैं जो स्कॉटलैंड, लंदन, फ्रांस, जर्मनी सभी जगह के बने हुए पाए
जा रहे हैं. उसके लिए कमेटी बनाई गई है.
वहीं, एक स्ट्रांग रूम (लॉकर रूम ) है क्योंकि उनकी सभी मूवेबल
प्रॉपर्टी का वैल्यूएशन करना है इसलिए वहां कोठी खास बाग में एक स्ट्रांग
रूम है जहां उनका निजी कीमती सामान होना संभव है. उसकी चाबियां नवाब खानदान के लोगों के
पास होना संभव नहीं है इसलिए कोर्ट से आर्डर कराया गया है. किसी भी तरह
काटकर या किसी अन्य प्रयास से खोलने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन अभी
नहीं खुल पाया है. दो-तीन बार कोशिश की जा चुकी है.
लंदन की एक मशहूर कंपनी है चब, जिसे किंग जॉर्ज चतुर्थ ने एक जहाज बनाने
वाली कंपनी को कहा था कि वह लॉकर बनाएं. वह मशहूर कंपनी है. पुरानी
बड़े-बड़े बैंकर्स को उन्होंने लॉकर सप्लाई किए हैं तो हमने उसके बारे में
जानकारी की. यह सब बातें पता चली बाकी यह देखने वाली बात होगी कि वह खुल
पाएगा या नहीं.
एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना के अनुसार, दो-तीन दिन स्ट्रांग रूम
को खोलने की कोशिश की जा चुकी है लेकिन लॉकर रूम आसानी से नहीं खुल पाया
है. यह प्रक्रिया निरंतर जारी है. लॉकर रूम खुलने के बाद ही आगे की जानकारी
दी जा सकती है. लॉकर को काटने की कोशिश की जा रही है लेकिन अभी कामयाबी
नहीं मिली है.
यह लॉकर चारों तरफ से लोहे की दीवारों से बना हुआ है और बिना चाबी के खोले जाना यह कंपनी का चैलेंज भी है कि बिना चाबी के उसे खोले जाना आसान नहीं है. वह इतना स्ट्रांग है कि बम ब्लास्ट का भी उस पर असर नहीं होगा. ऐसी बात उस कंपनी चब द्वारा कही जाती हैं.