इंग्लैंड की एक टैलेंटेड मेकअप आर्टिस्ट ने बताया है कि कैसे कोरोना वायरस से जूझने के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है. समांथा हेलेन नाम की इस महिला ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते उन्हें नर्व डैमेज हो गया था और उनके ब्रेन के एक हिस्से में सूजन आ गई थी जिसे encephalitis कहते हैं. इस कंडीशन के चलते वे 8 महीनों तक संघर्ष करती रहीं.
गौरतलब है कि समांथा को सितंबर में कोरोना संक्रमण हुआ था. उन्होंने कहा कि अस्पताल में जाकर मुझे पता चला कि मुझे encephalitis की समस्या है. सितंबर के महीने तक डॉक्टर्स भी इस बात को लेकर काफी हैरान थे कि कोरोना के चलते न्यूरोलॉजिकल समस्या हो गई है. समांथा इसके बाद लगातार अस्पताल आती जाती रहीं. पहले पांच महीने उन्हें चलने में भी बहुत परेशानी होती थी और उनकी दोनों आंखों में नर्व डैमेज हो गया था.
उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि मैं अपनी हमउम्र लोगों के बीच इस पोस्ट के सहारे जागरूकता फैलाना चाहती हूं. कई लोगों को लगता है कि कोरोना सिर्फ बूढ़े लोगों पर भयावह असर डालता है. पर ऐसा नहीं है. मेरे लिए पिछले 8 महीने चुनौतीपूर्ण रहे हैं. मुझे चलने, बोलने और यहां तक की देखने में भी बहुत ज्यादा संघर्ष करना पड़ा था.
उन्होंने कहा कि मैं सबसे ज्यादा परेशान इस बात से थी कि इस वायरस के चलते मेरी आंखों में समस्या हो गई है. अगर मेरे शरीर का कोई और अंग भी होता तो भी मुझे कोई परेशानी नहीं थी. एक आर्टिस्ट के तौर पर ये मेरे लिए काफी ज्यादा परेशानी भरा था. मैं सिर्फ 26 साल की हूं और मुझे पता चलता कि मेरा नर्व डैमेज हो गया है और इसके चलते मुझे दोबारा कार चलाना सीखना पड़ा. इससे मेरा बिजनेस भी काफी प्रभावित हुआ.
उन्होंने कहा कि नर्व डैमेज के चलते मैं ज्यादा रोशनी के पास नहीं बैठ सकती थी और ना ही झुक सकती थी. इसके चलते मुझे सर दर्द होने लगता था. मेरी मां को मेरे जूते के फीते बांधने पड़ते थे. डॉक्टर्स भी उस समय मेरे हालातों को देखकर काफी हैरान थे और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ये वायरस न्यूरोलॉजिकल स्तर पर असर क्यों कर रहा है. हालांकि, अब मेरे हालात काफी बेहतर हैं लेकिन मैं बस कहना चाहती हूं कि किसी को भी इस वायरस को हल्के में नहीं लेना चाहिए. (सभी फोटो क्रेडिट: Samanthahelenmua इंस्टाग्राम)