उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत महिलाओं की फटी जींस को लेकर दिए बयान से विवादों में हैं. सोशल मीडिया पर उनके बयान की काफी आलोचना हो रही है और बॉलीवुड से राजनीति तक की कई हस्तियां उनके बयान की तीखी आलोचना कर रही हैं. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब कोई नेता महिलाओं पर बयान देकर विवादों में आया हो. इससे पहले भी कई मशहूर राजनेता महिलाओं को लेकर विवादास्पद बयानों के चलते आलोचना का शिकार हो चुके हैं.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने साल 2012 में निर्भया गैंग रेप के बाद एक बयान दिया था जो काफी विवादों में रहा था. अभिजीत ने कहा था कि मैं दिल्ली में हो रहे प्रोटेस्ट्स को पिंक रेवोल्यूशन कहना चाहूंगा. आजकल हाथ में कैंडल पकड़कर मार्च करना फैशन हो गया है. ये लोग सच्चाई से दूर हैं. ये डिस्को जाते हैं, पार्टी करते हैं. मैं स्टूडेंट एक्टिविज्म को जानता हूं और मैं दावे से कह सकता हूं कि इन प्रोटेस्ट्स में आने वाले लोग स्टूडेंट्स नहीं हैं. ये दो मिनट की फेम चाहने वाली महिलाएं हैं जो टीवी पर इंटरव्यू देकर लोकप्रिय होना चाहती हैं. अभिजीत के इस बयान से उनकी बहन भी काफी नाराज हुई थीं और उन्होंने कहा था कि उनके पिता भी अभिजीत के इस बयान से नाखुश थे.
साल 2014 में सपा चीफ मुलायम सिंह यादव ने रेप को लेकर फांसी की सजा का विरोध करते हुए कहा था कि 'लड़के तो लड़के होते हैं, उनसे गलती हो जाती है.' उन्होंने मुरादाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि लड़कियां पहले दोस्ती करती हैं. लड़के-लड़की में मतभेद हो जाता है. मतभेद होने के बाद उसे रेप का नाम दे देती हैं. लड़कों से गलती हो जाती है. क्या रेप केस में फांसी दी जाएगी?' मुलायम के इस बयान पर बवाल मच गया था.
महाराष्ट्र के बीजेपी सांसद गोपाल शेट्टी ने पूर्व कांग्रेस लीडर और एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर को लेकर सेक्सिस्ट बयान देते हुए कहा था कि उन्हें पॉलिटिक्स में इसलिए लाया गया है क्योंकि वे एक सेलेब्रिटी हैं. उन्हें अपने लुक्स के चलते लाया गया है. किसी को भी उनसे खतरा नहीं है. वे एक भोली-भाली लड़की हैं जिन्हें पॉलिटिक्स की जीरो समझ है.
साल 2015 में गोवा के सीएम लक्ष्मीकांत परसेकर भी अपने एक बयान के चलते विवादों में थे. प्रोटेस्ट करने वाली एक नर्स ने पीटीआई के साथ बातचीत में कहा था कि जब हमारी सीएम के साथ मुलाकात हुई थी तो उन्होंने हमें कहा था कि हमें धूप में भूख हड़ताल पर नहीं बैठना चाहिए क्योंकि इससे हमारा रंग काला पड़ सकता है जिसके चलते हमें दूल्हा ढूंढने में परेशानी आ सकती है. हालांकि सीएम ने इस विवाद को लेकर कोई टिप्पणी नहीं दी थी.
साल 2014 में टीएमसी कांग्रेस सांसद तपस पाल अपने एक बयान के बाद जबरदस्त विवादों में थे. उन्होंने कहा था मैं चंदननगर से हूं. लीडर्स हमेशा वर्कर्स के जरिए ही बनता है. मैं एक गुंडा भी हूं. इसलिए अगर मुझे पता चला कि टीएमसी के किसी वर्कर पर हमला हुआ है तो मैं गोली मार दूंगा. तुम्हारे पास हिम्मत है तो रोक कर दिखाओ. अगर तुम टीएमसी के वर्कर्स की मां और बेटियों को लेकर गलत कहा तो मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं. मैं अपने लड़कों को तुम्हारे घरों में भेज दूंगा और वे रेप करेंगे. जब उनके इस बयान पर काफी हंगामा हुआ तो पाल ने कहा था कि उन्होंने रेप शब्द का नहीं बल्कि रेड शब्द का इस्तेमाल किया था.
इंडियन नेशनल लोक दल के नेता और पूर्व हरियाणा सीएम ओम प्रकाश चौटाला ने साल 2012 में कहा था कि अगर महिलाओं का यौन शोषण रोकना है तो उनकी जल्दी शादी कर देनी चाहिए. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि हमें बीते दौर से सीखना चाहिए. लोग मुगलों से अपनी बेटियों को बचाने के लिए उनकी जल्दी शादी कर देते थे और वर्तमान में हमारे राज्य में भी कुछ ऐसी ही समस्या आ रही है.
साल 2012 में कांग्रेस लीडर श्रीप्रकाश जायसवाल जो उस समय कोयला मंत्री थे, उन्होंने क्रिकेट में मिलने वाली जीत को पत्नियों से तुलना कर दी थी. उन्होंने कहा था कि जैसे जैसे समय गुजरता है, दोनों पुराने हो जाते हैं और वे इतने मजेदार नहीं रह जाते हैं, जैसे पहले हुआ करते थे. श्रीप्रकाश ने टी20 मैच में भारत की पाक पर जीत के बाद कानपुर में ये विवादित बयान दिया था. हालांकि उन्होंने बाद में अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी.