Advertisement

ट्रेंडिंग

सर्वे में इमरान सरकार को झटका, आधे से ज्यादा पाकिस्तानी नाखुश

aajtak.in
  • 02 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 9:41 AM IST
  • 1/10

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दुनियाभर में घूम-घूमकर भले ही अपने मुंह मियां मिट्ठू बनते रहें और भारत विरोधी मुहिम चलाते रहें, लेकिन सच तो यह है कि खुद पाकिस्तान की अवाम ही उन्हें नापसंद करती है. और इसका खुलासा एक अंतरराष्ट्रीय सर्वे में हुआ है.

  • 2/10

दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण संस्था गैलप की पाकिस्तान इकाई द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से खुलासा हुआ है कि 66 प्रतिशत पाकिस्तानी इमरान सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं. यह सर्वेक्षण फरवरी के महीने में किया गया है.

  • 3/10

दिलचस्प बात यह है कि मात्र 32 प्रतिशत पाकिस्तानी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) की केंद्र में सत्तारूढ़ इमरान सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं जबकि 66 प्रतिशत असंतुष्ट हैं.

Advertisement
  • 4/10

समाचार एजेंसी आईएनएस ने गैलप पाकिस्तान के सर्वे के हवाले से पूरी रिपोर्ट में बताया है कि 59 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इमरान सरकार का प्रदर्शन पिछली सरकारों से खराब है जबकि 22 प्रतिशत ने कहा कि यह सरकार पहले की सरकारों से बेहतर है.

  • 5/10

62 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि देश सही दिशा में नहीं जा रहा है जबकि 35 प्रतिशत ने कहा कि देश सही दिशा में जा रहा है.

  • 6/10

गैलप सर्वे के मुताबिक, सिंध में 16 प्रतिशत, बलूचिस्तान में 13 प्रतिशत और पंजाब में 34 प्रतिशत लोगों ने ही इमरान सरकार के प्रदर्शन पर संतोष जताया है. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 64 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इमरान सरकार से संतुष्ट हैं.

Advertisement
  • 7/10

सर्वे के मुताबिक यह एक तथ्य सामने आया कि इमरान सरकार के कामकाज से असंतुष्ट लोगों में पुरुषों की संख्या 70 प्रतिशत और महिलाओं की 60 प्रतिशत है.

  • 8/10

युवाओं में भी गुस्सा: 

युवाओं में भी सरकार के काम को लेकर निराशा देखी गई है. 30 साल से कम आयु के 66 प्रतिशत ने कहा कि वे संघीय सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं.

  • 9/10

सर्वे के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के परंपरागत वोटरों में 76 प्रतिशत ने कहा कि देश सही दिशा में है लेकिन इन्हीं वोटरों में से 26 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि देश सही दिशा में जा रहा है.

Advertisement
  • 10/10

बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यस्था की हालत बेहद खराब है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में महंगाई की इतनी ऊंची दर इससे पहले 2007-08 के साल में दर्ज की गई थी जब यह 17 फीसदी तक जा पहुंची थी.

Advertisement
Advertisement