प्रकृति के वरदान के रूप में मिला हिमालय पर्वत अब बड़ा संकट पैदा करने वाला है. स्थिति ये है कि भारत समेत चार देशों के 13 शहरों पर इसका प्रभाव पड़ेगा.
(Photo: ICIMOD)
दरअसल, सांइस जर्नल 'वॉटर' के एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि हिंदूकुश
हिमालय क्षेत्र में पानी का संकट गहराता जा रहा है. इनमें भारत के पांच शहर
शामिल हैं.
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इन शहरों में भारत के मसूरी, देवप्रयाग, सिंगतम,
कलिमपॉन्ग और दार्जिलिंग शामिल हैं. जबकि अन्य शहरों की बात करें तो नेपाल
के काठमांडू, भरतपुर, तानसेन और दमौली, पाकिस्तान के मुर्री और हवेलियां
जबकि बांग्लादेश के सिल्हेट और चिटगांव शामिल हैं.
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इस शोध में
बताया गया है कि प्लानिंग के विफल तरीकों और प्राकृतिक जलस्रोतों के गायब
होने की वजह से यह संकट पैदा हो रहा है. शोध के अनुसार तेजी से बदलती
जलवायु के कारण जल सुरक्षा का संकट पैदा हो जाएगा.
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हिमालयी
क्षेत्रों में शहरीकरण भी काफी तेजी से बढ़ रहा है जिससे आबादी में इजाफा हो
रहा है, और यही कारण है कि पानी की मांग लगातार बढ़ रही है.
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न्यूज
एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंदूकुश क्षेत्र के लोगों के लिए
काम करने वाले संस्थान इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट
(ICIMOD) ने इस पर शोध किया है.
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ICIMOD के शोध में कहा गया है कि
जल के प्रति शासन की उदासीनता, शहरीकरण योजना का अभाव, अच्छे मौसम में
पर्यटन का खराब प्रबंधन और जलवायु संबंधी खतरों और चुनौतियों के कारण जल
असुरक्षा पैदा हुई है.
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शोध में कहा गया कि लोग भूगर्भ के जल का
प्रयोग कर रहे हैं जो अल्पकालीन उपाय है. योजना बनाने वालों और स्थानीय
सरकारों को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
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वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की
एक रिपोर्ट के मुताबिक समय रहते हिमालय क्षेत्र में शहरों को पानी की
आपूर्ति सुरक्षित करनी होगी और प्राकृतिक जलस्रोतों और पारंपरिक जल संचय के
तरीकों पर भी ध्यान देना होगा.
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