कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से देश भर में बच्चे ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से पढ़ रहे हैं. बड़े शहरों में तो इसमें कोई दिक्कत नहीं हो रही लेकिन छोटे गांव-कस्बों में खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी की वजह से बच्चों को ऑनलाइन क्लास में दिक्कत आ रही है. ऐसे में कई बच्चे नेटवर्क पाने के लिए कभी पेड़ पर चढ़ जाते हैं तो किसी को ऊंचे पहाड़ पर जाना पड़ता है.
बच्चों को आ रही इन्हीं दिक्कतों को लेकर ओडिशा के शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने कहा है कि खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी के कारण कई छात्रों को कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए मीलों पैदल चलना, पहाड़ियों और पेड़ों पर चढ़ना पड़ता है. उन्होंने कहा, राज्य में लगभग 22 लाख बच्चे अब ई-शिक्षा का लाभ उठा रहे हैं, जबकि शेष 38 लाख छात्र अपने क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं होने के कारण इस सुविधा से वंचित हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में नेट कनेक्टिविटी के विस्तार का मामला उठाया है. चूंकि महामारी के कारण मार्च से स्कूल बंद हैं, इसलिए राज्य सरकार ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की हैं.
रायगढ़ जिले में सरकारी छात्रों द्वारा प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक, ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए बच्चों को मीलों पैदल चलना पड़ता है और पहाड़ियों पर चढ़ना पड़ता है, संबलपुर और देवगढ़ जिलों में छात्र नेट कनेक्टिविटी प्राप्त करने के लिए ऊंचे पानी के टैंकों पर चढ़ते हैं.
शिक्षा मंत्री ने कहा, "मुझे खुशी है कि मेरा विभाग ऑनलाइन कक्षाएं दे रहा है, लेकिन बच्चों को नेट कनेक्टिविटी प्राप्त करने के लिए पेड़ों, पहाड़ियों पर चढ़ना पड़ता है. यह एक केंद्रीय मुद्दा है और हमारे मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में नेट कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए मामला उठाया है. दास ने कहा: “अगर कोई ऑनलाइन क्लास नहीं होती, तो पहाड़ियों और पेड़ों पर चढ़ने वाले बच्चों की रिपोर्ट नहीं मिलती. मुझे खुशी है कि हमारे शिक्षक ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं. ”