श्रीलंका की एक संसदीय समिति ने बुर्के पर तत्काल प्रतिबंध का प्रस्ताव रखा है. इसी समिति ने जातीय और धार्मिक आधार पर बने राजनीतिक दलों के पंजीकरण को भी निलंबित करने का प्रस्ताव रखा है.
दरअसल, श्रीलंका की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित समिति ने पिछले साल 21
अप्रैल को ईस्टर के मौके पर हुए आतंकवादी हमलों का हवाला देते हुए यह
प्रस्ताव रखा है. इस हमले में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
डेली
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक समिति का कहना है कि पुलिस के पास यह अधिकार
होना चाहिए कि वह सार्वजनिक स्थानों पर किसी व्यक्ति को पहचानने के लिए उसे
चेहरा दिखाने के लिये कह सके.
और अगर वह व्यक्ति पुलिस के अनुरोध पर अमल
नहीं करता तो उसे बिना वारंट गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
गुरूवार को
समिति द्वारा संसद में पेश किए गए प्रस्ताव में ईस्टर हमलों के बाद
14 विवादास्पद मुद्दों को हल करने की बात कही गई है.
इसके
अलावा प्रस्ताव में जाति और धर्म के आधार पर राजनीतिक दलों के पंजीकरण को
निलंबित करने के लिए एक कानून बनाने की भी सिफारिश की गई है.
साथ ही यह भी कहा गया है कि मदरसों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को तीन साल के भीतर शिक्षा मंत्रालय के तहत सामान्य स्कूल प्रणाली में भेजा जाना चाहिए.
बता दें कि श्रीलंका में पिछले साल 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर आत्मघाती
हमलावरों ने तीन गिरजाघरों और तीन आलीशान होटलों को निशाना बनाया था,
जिसमें 11 भारतीयों समेत 258 लोगों की मौत हो गई थी. (All Photos: File)