पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक ऐसे विधायक हैं जिन्हें अपनी हत्या होने का इस कदर डर है कि उन्होंने मरने के बाद की तैयारी अभी से शुरू कर दी है. आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, लेकिन जब आप इसका पूरा कारण जानेंगे तो आप भी शायद यही मानने लगेंगे.
दरअसल जयंत नस्कर टीएमसी के एक ऐसे विधायक हैं जो अपने क्षेत्र में काम और लोगों से मिलने जुलने को लेकर काफी चर्चित हैं, लेकिन उनके मन में कई सालों से एक डर बैठा हुआ है कि कुछ लोग उनकी हत्या कर सकते हैं. इस डर की वजह से जीते-जी ही उन्होंने अपनी कई मूर्तियां बनवा ली हैं और उन्हें अपने घर में रखा है. वो नियमित तौर पर खुद की बनी मूर्तियां की देखरेख करते हैं.
जयंत नस्कर पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के गोसाबा के अपने निर्वाचन क्षेत्र में काम करने के लिए पूरे इलाके में प्रसिद्ध हैं और लोग उनके परिश्रम की भी तारीफ करते हैं, लेकिन लोग उनके इस अजीब डर का मजाक भी बनाते हैं. एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता होने के बावजूद 71 साल के नस्कर को डर है कि कोई बाहर से आकर उनकी हत्या कर देगा.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसी डर की वजह से उन्होंने तीन साल पहले कोलकाता के पड़ोस के कुमटौली से एक मूर्तिकार को काम पर रखा था, जो सबसे अच्छे मूर्तिकार के रूप में जाना जाता है. उस मूर्तिकार से नस्कर ने फाइबरग्लास से अपनी दो आदमकद मूर्तियों और मिट्टी के कलश का निर्माण करवाया है.
कथित तौर पर विधायक ने मूर्तिकारों को अत्यंत सटीकता के साथ मूर्तियों का निर्माण सुनिश्चित करने का आदेश दिया था. अपनी हत्या को लेकर उन्होंने जो रिपोर्ट दर्ज करवाई थी उसमें कहा गया था कि "चार अपराधी अलीपुर केंद्रीय सुधार गृह से भाग गए थे जो हत्या को अंजाम दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय राजनेताओं ने मुझे मारने के लिए उन्हें रखा था. तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक प्रवीण त्रिपाठी ने मुझे इस बारे में सूचित किया था. राज्य सरकार ने उसके बााद मेरी सुरक्षा को वाई-श्रेणी में बढ़ाया ”
उन्होंने बताया कि "टीएमसी के भीतर मेरे कई दुश्मन हैं. ये नेता पहले अन्य दलों के थे और वे तब से मेरे दुश्मन हैं." नस्कर ने कहा कि वह जाने (मौत) के बाद भी लोगों से जुड़े रहना चाहते हैं. “मुझे लगता है कि ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका यही है. प्रतिमाएं दो साल पहले तैयार हुई थीं और मेरे घर पर रखी गई थीं. मैं उनकी उचित देखभाल करता हूं.
यह पूछे जाने पर कि उनकी प्रतिमाओं को कहां स्थापित किया जाएगा, इसके जवाब में नस्कर ने कहा कि एक स्थानीय स्कूल के प्रधानाध्यापक ने वादा किया है कि ये मूर्ति उस स्कूल और इलाके में लगाए जाएंगे. उस स्कूल में नस्कर 1993 से 2016 तक सचिव थे. संस्थान में उनकी मृत्यु के बाद इस पद पर वो प्रधानाध्यापक ही आसीन होंगे. अन्य दो मूर्तियों के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे कुछ पता नहीं है. स्थानीय लोग जिस जगह को चुनेंगे उसी जगह पर उन मूर्तियों को लगाया जाएगा. गोसाबा से दो बार विधायक रह चुके नस्कर अधिकांश समय विरोधियों द्वारा कथित रूप से उन पर हमलों के कारण भारी सुरक्षा कवर के तहत रहते हैं.