फ्रांस में छिपे हुए अफ्रीका के मोस्ट वांटेड मैन को गिरफ्तार कर लिया है. इस शख्स का नाम है फेलिसिएन कबुगा. 8 लाख लोगों की हत्या के पीछे कबुगा का हाथ समझा जाता है. आइए जानते हैं पूरा मामला...
अफ्रीका के रवांडा में 1994 में भीषण नरसंहार हुआ था. इस दौरान 8 लाख से
अधिक एथनिक टुट्सिस और मॉडर्न हुतुस मारे गए थे. नरसंहार के लिए कबुगा ने
वित्तीय मदद की थी और अपनी कंपनी के जरिए हथियार की सप्लाई भी कराई थी. कभी
वह रवांडा का सबसे अमीर शख्स भी हुआ करता था.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, कबुगा गलत पहचान के साथ पेरिस में रह रहा था. वह पिछले 25 सालों से पुलिस से भाग रहा था. लेकिन 16 मई को पेरिस के पास के शहर से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
84 साल के कबुगा के सिर पर 36 करोड़ रुपये का ईनाम रखा गया था. उसने नरसंहार के दौरान रवांडा के हुतु चरमपंथियों को हथियार मुहैया कराए थे. 1994 में रवांडा में तीन महीने से अधिक वक्त तक भीषण कत्लेआम चला था. ऐसा समझा जा रहा है कि कबुगा फ्रांस में पेरिस के पास 3 से 4 साल से अपने बच्चों के साथ रह रहा था.
नरसंहार के कई साल बाद रवांडा में खुदाई अभियान चलाए गए थे. इस फोटो में ऐसी ही एक खुदाई के बाद मिले अवशेष को महिला सुखाती दिख रही है.
फ्रांस की सुरक्षा एजेंसी ने जानकारी दी है कि दो महीने पहले खुफिया सूचना मिलने के बाद कबुगा को पकड़ने का प्लान दोबारा शुरू किया गया था. ऐसा समझा जा रहा है कि इससे पहले वह जर्मनी, बेल्जियम, केन्या, स्विटजरलैंड जैसे देशों में भी छिपा था.
1997 में यूनाइटेड नेशन्स के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल फॉर रवांड ने कबुगा के ऊपर आरोप तय किए थे. उस पर नरसंहार के लिए साजिश रचने सहित अन्य आरोप लगाए गए थे. उस पर ये भी आरोप थे कि उसने धन और प्रभाव का इस्तेमाल किया और चरमपंथियों को ताकत दी.
गिरफ्तारी के बाद उसे फ्रांस की अदालत नीदरलैंड के हेग भेज सकती है जहां मेकैनिज्म फॉर इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल कबुगा पर आगे की कार्रवाई करेगा.