रूस का स्पेस कार्गो शिप अंतरिक्ष से लौटते समय फट गया. यह आग के गोले में बदल गया. यह कार्गो शिप इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में एस्ट्रोनॉट्स के लिए खाना, साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लेकर गया था. 8 फरवरी को वहां से वापस धरती पर आने के लिए निकला था. लेकिन 9 फरवरी को धरती के वायुमंडल में आने के बाद यह फट गया. (फोटोः इवान वैगनर)
रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस (Roscosmos) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उनका कार्गो स्पेस शिप प्रोग्रेस 76पी एमएस-15 (Progress 76P MS-15) इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक निकला. उसके बाद जब वह धरती के वायुमंडल में आया वह आग के गोले में तब्दील हो गया. उसके टुकड़े हो गए. इस स्पेस कार्गो शिप को स्पेस ट्रक (Space Truck) भी कहते हैं. (फोटोःJAXA/Soichi Noguchi)
जापानी स्पेस एजेंसी (JAXA) के एस्ट्रोनॉट ने सोइची नोगुची ने आग के गोले में तब्दील रूसी कार्गो शिप प्रोग्रेस 76पी एमएस-15 (Progress 76P MS-15) की तस्वीर जारी की है. ये तस्वीर उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से ही ली थी. उस तस्वीर में दिख रहा है कि धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने के कुछ ही सेकेंड्स के बाद कार्गो शिप जल गया. (फोटोः ROSCOSMOS)
रूस ने प्रोग्रेस स्पेस कार्गो शिप 76पी एमएस-15 (Progress 76P MS-15) को 23 जुलाई 2020 को कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया था. इसने लॉन्च के 3 घंटे 18 मिनट और 31 सेकेंड्स के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़ गया था. यह एक रूटीन कार्गो डिलीवरी थी. इसमें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए 2.5 टन सामान था. (फोटोः Roscosmos)
प्रोग्रेस 76पी एमएस-15 (Progress 76P MS-15) कार्गो शिप में स्पेस स्टेशन पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स के लिए 1430 किलोग्राम ड्राई कार्गो, 620 किलोग्राम ईंधन, 46 किलोग्राम ऑक्सीजन और 420 किलोग्राम पानी लेकर गया था. (फोटोःगेटी)
रूसी कॉस्मोनॉट इवान वैगनर ने प्रोग्रेस 76पी एमएस-15 (Progress 76P MS-15) स्पेस कार्गो शिप को विदाई देते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने इस कार्गो शिप की पुरानी तस्वीरे शेयर की हैं. ये तस्वीरे पिछले साल गर्मी की हैं. इवान ने ट्वीट में बताया कि ये तस्वीरें उस समय की हैं जब कार्गो शिप इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़ रहा था. (फोटोः इवान वैगनर)
प्रोग्रेस 76पी एमएस-15 (Progress 76P MS-15) कार्गो शिप ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर सात महीने बिताए. यह 8 फरवरी को स्पेस स्टेशन से निकला. इसके बाद जब वह पृथ्वी के वायुमंडल में आया तो वह जलकर खाक हो गया. रूसी मिशन कंट्रोल सेंटर के स्पेशलिस्ट ने बताया कि इस कार्गो शिप के टुकड़े दक्षिणी प्रशांत महासागर के उस इलाके में गिरे हैं, जहां पर किसी तरह का यातायात नहीं होता. (फोटोः इवान वैगनर)
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रशांत महासागर के 1680 किलोमीटर इलाके में इसका मलबा गिरा होगा. ये इलाकान न्यूजीलैंड के वेलिंग्टन से पूर्व की तरफ है. रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने इस कार्गो शिप के लौटने के समय न्यूजीलैंड समेत कई देशों को सूचना दे दी थी. ताकि उस इलाके में किसी भी जहाज या विमान की आवाजाही रोकी जा सके. (फोटोःगेटी)
रूस अब अपने अगले स्पेस ट्रक को भेजने की तैयारी कर चुका है. इसका नाम होगा प्रोग्रेस एमएस-16 (Progress MS-16) है. यह 17 फरवरी को स्पेस स्टेशन के लिए लॉन्च किया जाएगा. इसमें फिर 2.5 टन सामान अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भेजा जाएगा. इस मिशन की जिम्मेदारी रूसी कॉस्मोनॉट्स सर्गेई रिझीकोव और सर्गेई कुद-स्वरछोकोव तैयारी कर रहे हैं. (फोटोःगेटी)