Advertisement

ट्रेंडिंग

पुलवामा का एक सालः शहीद की पत्नी से ससुराल वालों ने छीने पैसे

aajtak.in
  • 04 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:54 PM IST
  • 1/9

पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के जवान प्रदीप यादव शहीद हो गए थे. उनकी पत्नी को सरकार की तरफ से 20 लाख रुपये और सरकारी नौकरी भी मिली. लेकिन अब शहीद की पत्नी नीरजा का कहना है कि उसके ससुराल वालों ने उससे सरकार की ओर से मिले बाकी सारे पैसे छीन लिए.

  • 2/9

कानपुर के पास कन्नौज निवासी शहीद प्रदीप की पत्नी नीरजा कहती हैं कि ससुराल वालों ने न सिर्फ पैसे छीन लिए बल्कि घर और गांव से भी बाहर निकाल दिया. अब उन्हें ससुराल जाने पर भी रोक लगा दी है. ये सब इसलिए कर रहे हैं ताकि सामाजिक संस्थाओं से मिलने वाले पैसों को वे हड़प सकें.

  • 3/9

शहीद की पत्नी नीरजा ने बताया कि उन्हें यूपी सरकार से सरकारी नौकरी तो मिल गई लेकिन हर रोज उन्हें छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर 150 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. वे लगातार घर से नजदीक ट्रांसफर की विनती सरकार से कर रही हैं लेकिन कोई उनकी सुन नहीं रहा है.

Advertisement
  • 4/9

नीरजा ने बताया कि राहत की बात सिर्फ इतनी है कि स्कूल ने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई मुफ्त कर रखी है. नीरजा अपने बच्चों के साथ कानपुर में रहती हैं लेकिन नौकरी करने कन्नौज जाती हैं. रात 9 बजे तक लौटकर आती हैं तब बच्चों को पढ़ाती-लिखाती और खाना खिलाती हैं.

  • 5/9

नीरजा का आरोप है कि उनका कानपुर में घर है. बच्चे पढ़ते हैं इसलिए यहां ट्रांसफर के लिए अधिकारियों, मंत्रियों सबसे गुजारिश की लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. अब वह लाचारी भरी जिंदगी बिता रही हैं. सरकार और प्रशासन ने पैसे और नौकरी देकर अपने दायित्व से पीछा छुड़ा लिया है.

  • 6/9

नीरजा की तीन बच्चे हैं. पहली बेटी 10 वर्षीय सौम्या, दूसरी 2 साल की तान्या और तीसरा सबसे छोटा बेटा. तान्या तोतली आवाज में जब अपने पापा की फोटो दिखाते हुए बताती है तो दिल दहल जाता है. उसे तो यह भी नहीं पता कि उसके पापा शहीद हो गए हैं. शहीद का मतलब भी नहीं जानती.

Advertisement
  • 7/9

नीरजा कहती हैं कि मेरी जिंदगी बहुत कठिन है. ससुराल वालों ने सामाजिक संस्थाओं से मिले पैसे, मेरे जेवर आदि भी ले लिए. घर और गांव से भी बाहर कर दिया ताकि मैं वहां रहकर पैसे और जेवर पर अधिकार न जता सकूं. ससुराल वाले गांव में न आने की धमकी भी देते हैं.

  • 8/9

 नीरजा ने कहा कि सरकार ने कहा था कि शहीद पति के नाम की मूर्ति भी लगवाई जाएगी लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ. बड़ी बेटी सौम्या कहती है कि मैं भी पापा की तरह सीआरपीएफ में अफसर बनकर दिखाऊंगी. क्योंकि शहीद की बेटी कभी डरती नहीं है.

  • 9/9

नीरजा अभी जिस घर में रह रही हैं, उसे प्रदीप ने लोन लेकर बनवाया था. अब उसकी किस्त भी नीरजा को देनी पड़ रही है. पुलवामा हमले में शहीद हुए हमारे जवानों के परिजनों की स्थिति पर आजतक की विशेष पेशकश.

Advertisement
Advertisement
Advertisement