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जुगाड़: ठेले में स्कूटर जोड़ा और 900 किमी का सफर कर हरियाणा से पहुंचे प्रयागराज

पंकज श्रीवास्तव
  • 19 मई 2020,
  • अपडेटेड 9:38 PM IST
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लॉकडाउन में घर वापसी के लिए मजदूर मजबूरी में क्या कुछ नहीं कर रहे. मजदूर पैदल, साइकिल, ट्रकों और बसों से जा रहे हैं. लेकिन कुछ मजदूर घर पहुंचने के लिए जुगाड़ गाड़ी के जरिए हरियाणा से करीब 900 किलोमीटर दूर से प्रयागराज आ गए. इन मजदूरों का कहना है कि बसों का इंतजाम तो था लेकिन उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था तो सुरक्षित रहने के लिए ये सहारा लिया.

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जानकारी के मुताबिक, रिक्शा ट्रॉली लेकर मजदूर हरियाणा से प्रयागराज आए हैं. इन्होंने इतना लंबा सफर तय करने के लिए एक जुगाड़ बनाया यानी अपने स्कूटर को काटकर उसे रिक्शा ट्रॉली में बदला ताकि उसमें कुछ लोग बैठ जाएं. इसके बाद अपने आगे वाले रिक्शा ट्रॉली को पैर से धकेलते हुए और उससे आगे वाला मजदूर अपने आगे वाले रिक्शा ट्रॉली को धकेलते हुए आगे बढ़े. इन रिक्शा ट्रॉली में उन्होंने अपने परिवार को बैठाया हुआ था.

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मजदूर लालेश का कहना है कि लॉकडाउन में कामगार प्रवासी मजदूरों को रोज़ी रोटी छीन गई, काम बंद हो गया. जिससे ज्यादातर मजदूर अपने घरों की ओर रुख करने लगे, कुछ लोग पैदल, साइकिल, ट्रकों और बसों से निकल पड़े लेकिन हम 11 लोग जुगाड़ करके किसी तरह घर की ओर निकले. इस तरह की सवारी को देशी भाषा में जुगाड़ कहते हैं.

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मजदूरों ने बताया कि इस जुगाड़ गाड़ी में आगे चल रहे दो रिक्शा ट्रॉली और पीछे स्कूटर को मॉडिफाई कराकर बनाया गया है. आगे तीन लोग रिक्शा ट्रॉली को चला रहे हैं. तीनों रिक्शा ट्रॉली पर ग्यारह लोग मौजूद हैं. हम लोग हरियाणा से सफर करके प्रयागराज पहुंचे हैं. मजदूरों का आरोप है कि बसों में अपने घर जाने का इंतज़ाम तो था लेकिन उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था तो सुरक्षित रहने के लिये इन्होंने खुद से ही सफर तय करने का फैसला किया.

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इन 11 मदजूरों ने हरियाणा से प्रयागराज का सफर 6 दिनों में इसी तरह तय किया है. इन मजदूरों ने मजबूरी में इस तरह सफर किया है. इस जुगाड़ गाड़ी में बैठे लोग आगे चल रही रिक्शा ट्रॉली को पीछे से अपने पैरों से ढकेलते हुए आगे बढ़ते गए. हालांकि इनका स्कूटर प्लस ट्रॉली का जुगाड़ कई बार रास्ते में खराब भी हुआ और टायर भी पंचर हुए, लेकिन हौसला बुलंद था तो आगे बढ़ते गए.

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