यह ड्रोन लोगों के कफ और छींकने का भी पता लगा सकता है. ड्रोन में खास तरह के सेंसर और कंप्यूटर विजन लगे हैं जिससे कि यह हार्ट और सांस लेने की रफ्तार के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकता है.
हालांकि, यह ड्रोन लोगों को आइडेंटिफाई नहीं करता है. कपंनी ने इससे पहले मार्च में बताया था कि वे यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर एक खास तरह के ड्रोन तैयार कर रही है जिसका इस्तेमाल कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में किया जा सकता है.
ये ड्रोन सड़क और सार्वजनिक स्थानों पर यह भी पता लगा सकता है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो कर रहे हैं या नहीं. ड्रोन की टेस्टिंग न्यूयॉर्क शहर में भी की गई है.