ये मामला मुंबई के खार का है. आरोपी पुलिस कॉन्स्टेबल शिवानंदा बाराचारे को खार पुलिस स्टेशन में तैनात किया गया था, जबकि पीड़ित महिला सोलापुर की रहने वाली हैं. एक निचली अदालत ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.
खबरों के मुताबिक, आरोपी कॉन्स्टेबल पर पीड़ित महिला को गाइड करने की जिम्मेदारी थी, क्योंकि वह पुलिस रिक्रूटमेंट टेस्ट दे रही थी. पहली बार आरोपी ने महिला को नशा देकर रेप किया और विरोध करने पर शादी का वादा करने लगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर पीड़िता प्रेग्नेंट हो गई थी और उसने आरोपी के बच्चे का अबॉर्शन कराया था. बाद में महिला कॉन्स्टेबल को उसके शादीशुदा होने की जानकारी मिली.
जमानत याचिका खारिज करते हुए जज ने कहा कि ये मानना मुश्किल है कि ये जानते हुए कि शख्स शादीशुदा है, महिला पहली ही मुलाकात में सेक्स के लिए राजी हो गई थी.
शिकायत के मुताबिक, पीड़िता बीते साल अप्रैल में मुंबई में पुलिस रिक्रूटमेंट टेस्ट देने वाली थी. उनके पड़ोसी से आरोपी कॉन्स्टेबल का नंबर दिया था. टेस्ट के बाद आरोपी ने महिला को एक लॉज में ठहरने को कहा और उसके साथ रेप किया.
बाद में दोनों टच में रहे और जून में जब महिला कॉन्स्टेबल के घर पहुंची तो सच्चाई का खुलासा हुआ. आरोपी पहले से शादीशुदा निकला. इसके बाद भी आरोपी ने तलाक लेने की बात कही और दोनों के बीच सेक्शुअल रिलेशन जारी रहे.
दिसंबर में पीड़ित महिला को पता चला कि न सिर्फ उन्हें बल्कि आरोपी एक अन्य महिला को भी चीट कर रहा है. इसी दौरान उन्हें अबॉर्शन भी कराना पड़ा. आखिरकार मार्च में महिला ने शिकायत दर्ज कराई.
हालांकि, आरोपी के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि घटना के काफी दिनों बाद रेप का मामला दर्ज किया गया और दोनों के बीच संबंध सहमति से बने थे.