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जिसे समझ रहे थे पहुंचा हुआ संत, 27 साल बाद सामने आई, ऐसी सच्चाई...

शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 09 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 3:30 PM IST
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हरियाणा के एक आश्रम में रहने वाले जिस साधु को लोग पहुंचा हुआ संत मानते थे, उसकी सच्चाई सामने आई, तो सभी हैरान रह गए. 27 साल से गांव वालों को धोखा देने वाले साधु के कपड़ों में छुपे अपराधी को कोई नहीं पहचान सका. जब राजस्थान पुलिस उसे तलाशते हुए आश्रम तक पहुंची, तो मामले से पर्दा उठा. 

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दरअसल ये पूरा मामला शुरू हुआ जयपुर के विश्वकर्मा से. यहां के एक पेट्रोल पंप पर 1994 में एक झगड़ा हुआ था. इस झगड़े के मुख्य आरोपी का नाम है देशबंधु जाट. घटना के समय देशबंधु की उम्र 20 वर्ष थी. झगड़े के बाद जयपुर पुलिस देशबंधु जाट की गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गई, लेकिन देशबंधु फरार हो चुका था. 

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देशबंधु उत्तर प्रदेश के चाकरी दादरी का रहने वाला है. जयपुर में हुए इस झगड़े के बाद वह अपने गांव भी नहीं वापस आया. उधर पुलिस रिकॉर्ड में देशबंधु का नाम फरार अपराधियों की सूची में शामिल हो गया. लगतार प्रयास के बाद भी पुलिस उस तक नहीं पहुंच पा रही थी.

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देशबंधु के बारे में पुलिस को कोई सुराग नहीं ​मिल पा रहा था. 27 साल बाद हाल ही में एक मुखबिर ने पुलिस को सूचना दी, कि वह हरियाणा के भिवानी के बापोड़ा में साधु बनकर छुपा हुआ है. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए प्लानिंग शुरू कर दी. 

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जयपुर पुलिस के हेड कांस्टेबल साहब सिंह इस आश्रम में शिष्य बनकर पहुंचे और साधु के वेष में पुलिस को चकमा दे रहे देशबंधु की सच्चाई का पता लगा लिया. इसके बाद जयपुर से पुलिस टीम आश्रम पहुंची और आरोपी देशबंधु को गिरफ्तार कर लिया. 

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27 साल में देशबंधु ने यहां अपने काफी भक्त बना लिए थे, जिसकी वजह से गिरफ्तारी के ​दौरान पुलिस को उनके विरोध का सामना करना पड़ा. हालांकि जब पुलिस ने इस  पूरे मामले के बारे में जब उन्हें बताया, तो वे पुलिस कार्रवाई से दूर हट गए. 

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