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पाकिस्तान में भी बन गया ताजमहल, दिलचस्प है ये प्रेम कहानी

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 02 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST
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दुनिया के 7 अजूबों में सबसे ज्यादा मशहूर और मोहब्बत की निशानी आगरा में ताजमहल बनाकर शाहजहां ने मोहब्बत करने वालों के लिए ऐसी मिसाल बना दी, जिसे दुनिया कई साल से तक रही है और हैरान भी रहेगी. पाकिस्तान में सिंध के उमरकोट में एक शख्स ने अपनी बीवी से मोहब्बत में कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया और अपनी पत्नी की याद में ताजमहल बना डाला.

Picture courtesy: Wikimeida/ Creative commons/Chris Mils, Auckland, New Zealand, 1977 

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पाकिस्तान के उमरकोट में अब्दुर रसूल अपनी पत्नी से बेपनाह मोहब्बत करते थे. पत्नी की मौत के बाद उन्होंने ताजमहल बनवा दिया और आज उनकी पहचान मॉर्डन युग के शाहजहां के तौर पर होने लगी है. उनके प्रेम की शानदार निशानी को लोग दूर-दूर से देखने आ रहे हैं. उमरकोट मुगल शहंशाह अकबर का जन्म हुआ था.  लेकिन 400 साल बाद एक बार फिर यह चर्चा में है.

(Photo Credit: Social Media)

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अब्दुर रसूल का कहना है कि आपको मोहब्बत खुद ब खुद सिखाती है, आपको कुछ करना नहीं पड़ता है इसलिए मोहब्बत की निशानी है ताजमहल. अब्दुर रसूल ने बताया कि उनकी पत्नी का नाम मरियम था और उन्होंने अरेंज मैरिज थी हम दोनों एक दूसरे के रिश्तेदार थे. शादी के समय में मरियम की उम्र 39 या 40 के करीब रही होगी और अब्दुर रसूल 18 वर्ष के थे.  

(Photo Credit: Social Media)

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दोनों की उम्र में दोगुना फर्क था बावजूद इसके यह कभी महसूस नहीं हुआ. हम दोनों में एक दूसरे के लिए बेपनाह मोहब्बत थी और करीब 40 साल साथ रहे. अब्दुर रसूल दो बार भारत आए और ताजमहल देखा.  जब वो वापस अपने घर पाकिस्तान आए तो उन्होंने एक ख्वाब देखा कि उनके कब्रिस्तान में ताजमहल बना हुआ है. इस पर उनकी पत्नी ने कहा कि ख्वाब है ऐसे ख्वाब आते रहते हैं, क्योंकि तुम हिंदुस्तान में ताजमहल देखकर आ रहे हो. 

(Credit: Representative Getty Images)

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साल 2015 में अब्दुर रसूल की पत्नी मरियम एक दिन अचानक बेहोश हो गईं. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें स्ट्रोक आया है.  इस दौरान बीमार पत्नी के पास पति हर वक्त खड़े रहे. उनकी देखभाल में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ी. एक दिन जागने पर पता चला कि पत्नी दुनिया को छोड़कर जा चुकी हैं. बस उस दिन से वो अकेले हो गए. दिल में पत्नी का प्यार संजोए अब्दुर रसूल ने पत्नी की याद में ताजमहल बनावा दिया. अब्दुर रसूल बताते हैं कि इसे बनाने में 12 से 13 लाख रुपये का खर्च आया. जैसे- जैसे उनके पास पैसा आता रहा वो इसमें लगाते रहें. आज दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं. 

(Photo Credit: Social Media)

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