कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है और भारत भी इससे बुरी तरह प्रभावित है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को क्वारनटीन में रखा गया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. इसी क्रम में ओडिशा के एक शख्स के साथ जो हुआ वो जानकर आप हैरान हो जाएंगे. उस शख्स को अपनी कार में क्वारनटीन में रहने के लिए लोगों ने मजबूर कर दिया.
दरअसल ओडिशा के सनकहेमुंडी ब्लॉक के रहने वाले 30 वर्षीय माधब पात्रा डिजिटल प्रिंटिंग यूनिट के मालिक हैं. माधब 15 मार्च को अपने व्यवसाय से जुड़े किसी काम के लिए बिहार गए थे जहां अचानक लॉकडाउन हो जाने की वजह से फंस गए.
माधब ने 9 मई को ओडिशा लौटने के लिए राज्य सरकार के ऑनलाइन पोर्टल में अपना नाम दर्ज कराया और वापस आने पर बेरहामपुर (ओडिशा) नगर निगम को भी इसकी सूचना दी.
बेरहामपुर में क्वारनटीन में 14 दिन बिताने और कोरोना टेस्ट में निगेटिव पाए जाने के बाद भी उनके गांव के लोगों ने उन्हें अपनी कार में एक हफ्ता तक अलग-थलग रहने के लिए मजबूर कर दिया.
प्रशासन की तरफ से उन्हें घर जाने की इजाजत भी दी गई थी और घर में ही एक हफ्ते तक सेल्फ क्वारनटीन में रहने को कहा गया था. इसके बाद जब वो अपनी गाड़ी से गांव डोलाबा पहुंचे तो उन्हें लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ ग्रामीण उनके घर पहुंचे और उन्हें क्वारनटीन में रहने के लिए कहने लगे.
माधब ने बताया कि ग्रामीणों ने उनके पिता को बाजार में और हर जगह मेरी वापसी को लेकर परेशान करना शुरू कर दिया जिसके कारण ग्रामीणों के साथ विवाद भी हुआ.
यह मुद्दा पटापुर पुलिस स्टेशन तक पहुंच गया, उन्होंने इस मामले को सरपंच के सामने भी उठाया लेकिन फिर भी उन्हें अपने कार में ही क्वारनटीन के 7 दिन बिताने पड़े.