मंगल ग्रह पर मिशन भेजने की होड़ लगी हुई है. 11 दिन में तीसरा मिशन होने वाला है. अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपना मार्स मिशन लॉन्च करने वाली है. इस मिशन की खास बात ये है कि इसमें एक रोवर और दूसरा ड्रोन हेलिकॉप्टर है. रोवर मंगल ग्रह पर चलेगा और हेलिकॉप्टर उड़कर डेटा कलेक्ट करेगा. (फोटोः NASA)
नासा (NASA) के मार्स मिशन का नाम है परसिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Perseverance Mars rover & Ingenuity helicopter). परसिवरेंस मार्स रोवर 1000 किलोग्राम वजनी है. जबकि, हेलिकॉप्टर 2 किलोग्राम वजन का है. (फोटोः NASA)
मार्स रोवर परमाणु ऊर्जा से चलेगा. यानी पहली बार किसी रोवर में प्लूटोनियम को ईंधन के तौर पर उपयोग किया जा रहा है. यह रोवर मंगल ग्रह पर 10 साल तक काम करेगा. इसमें 7 फीट का रोबोटिक आर्म, 23 कैमरे और एक ड्रिल मशीन है. ये मंगल ग्रह की तस्वीरें, वीडियो और नमूने लेंगे. (फोटोः NASA)
परसिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे. मौसम का अध्ययन करेंगे. ताकि भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को आसानी हो. (फोटोः NASA)
रोवर में लगे मार्स एनवायर्नमेंटल डायनेमिक्स एनालाइजर यह बताएगा कि मंगल ग्रह पर इंसानों के रहने लायक स्थिति है या नहीं. इसमें तापमान, धूल, वायुदाब, धूल और रेडिएशन आदि का अध्ययन किया जाएगा. (फोटोः गेटी)
भारतीय मूल की वनीजा रूपाणी (17) ने हेलिकॉप्टर को इंजीन्यूटी नाम दिया है. हिंदी में इसका मतलब है किसी व्यक्ति का आविष्कारी चरित्र. वनीजा अलबामा नार्थ पोर्ट में हाई स्कूल जूनियर हैं. (फोटोः गेटी)
मंगल हेलिकॉप्टर के नामकरण के लिए नासा ने 'नेम द रोवर' नाम से एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें 28,000 प्रतियोगी शामिल हुए थे. इसमें वनीजा की ओर से सुझाए गए नाम को फाइनल किया गया.
नासा ने बताया कि मंगल के वातावरण में यह छोटा हेलिकॉप्टर सतह से 10 फीट ऊंचा उठकर एक बार में 6 फीट तक आगे जाएगा. (फोटोः गेटी)
आपको बता दें कि पिछले 11 दिनों में दो देशों के मिशन मंगल पर जा चुके हैं. अब अमेरिका अपना मिशन भेजने वाला है. 19 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात ने मिशन होप भेजा था. 23 जुलाई को चीन ने तियानवेन-1 मार्स मिशन भेजा था. (फोटोः गेटी)