Advertisement

ट्रेंडिंग

दिल्ली का कवच बनेगी ये मिसाइल, फेल होगा दुश्मन का हर हमला

aajtak.in
  • 11 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST
  • 1/7

देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) पर अब किसी भी दुश्मन की बुरी नजर नहीं लगेगी. क्योंकि आसमान से आने वाली किसी भी आफत को हमारी एक मिसाइल हवा में ही ध्वस्त कर देगी. यानी दिल्ली को मजबूत रक्षाकवच देने की तैयारी चल रही है. (फोटोः गेटी)

  • 2/7


भारत सरकार दिल्ली को सुरक्षित करने के लिए इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (Integrated Air Defence Weapon System - IADWS) तैनात करने की योजना बनाई है. इसके लिए भारत सरकार अमेरिका से यह मिसाइल प्रणाली मगांएगी. इस तरह की भारत में जो मिसाइल है, उसका नाम है- आकाश. (फोटोः गेटी)

  • 3/7

भारत सरकार इसके लिए अमेरिका से 13,254 करोड़ रुपये की डील करेगी. इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (Integrated Air Defence Weapon System - IADWS) को नेशनल एडवांस्ड सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम-2 (NASAMS-2) भी कहा जाता है. भारत की आकाश मिसाइल भी हवाई सुरक्षा कवच बनाने में सक्षम है. (फोटोः गेटी)

Advertisement
  • 4/7

अमेरिका से आने वाली NASAMS-2 मिसाइल सिस्टम रूस से आ रही एस-400 (S-400 Missile System) और इजरायली मिसाइल सिस्टम के साथ तैनात की जाएगी. यानी दिल्ली के चारों तरफ होगी तीन स्तरीय हवाई सुरक्षा कवच. इसके अलावा स्वदेशी तकनीक से बनी मिसाइलों का भी दो स्तर होगा. (फोटोः गेटी)

  • 5/7

यह हवाई सुरक्षा कवच दिल्ली राजधानी क्षेत्र को ड्रोन, मिसाइल और हवाई हमलों से बचाएगी. डील होने के बाद 2 से 4 साल के अंदर NASAMS-2 मिसाइलें भारत को मिल जाएंगी. (फोटोः गेटी)

  • 6/7

अमेरिका यह भी चाह रहा है कि भारत उसके टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) और पैट्रियट एडवांस्ड कैपेबिलिटी (PAC-3) मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर नजर डाले. (फोटोः गेटी)

Advertisement
  • 7/7

भारत के पास अभी आकाश, पृथ्वी जैसी दो मिसाइल प्रणालियां हैं जो हवाई सुरक्षा कवच बनने के लिए काफी हैं. लेकिन रेंज को बेहतर करने के लिए स्वदेशी तकनीक से बनी मिसाइलों को अमेरिका, रूस और इजरायल की प्रणालियों से मिलाना होगा. (फोटोः गेटी)

Advertisement
Advertisement