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प्रशासन ने नहीं किया क्वारनटीन, मजदूर जंगल में रहने को मजबूर

केशव आनंद
  • 18 मई 2020,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST
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घर वापसी... सुनकर ही एक सुखद अहसास होता है. अपने घर लौटना किसे अच्छा नहीं लगता. लेकिन कोरोना वायरस महामारी ने नाते-रिश्ते समाज सब कुछ बदलकर रख दिया है. मजदूरों के लिए सरकारी सुविधा नाकाफी साबित हो रही है. बिहार के रून्नीसैदपुर के शिवनगर में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. गांव में मुंबई से पैदल चलकर आए प्रवासी मजदूरों को प्रशासन ने क्वारनटीन सेंटर भेजने से इनकार कर दिया है. प्रशासन ने इन लोगों को होम क्वारनटीन में रहने की नसीहत दी है.

(Photo Aajtak)

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जब ये प्रवासी मजदूर अपने घर पहुंचे तो इनके परिजनों ने इन्हें घर में रखने से इनकार कर दिया. ऐसे में इन लोगों को अब जंगल में रहने के लिए विवश होना पड़ रहा है. तेज गर्मी से परेशान इन लोगों को छोटे बच्चों के साथ काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ है. लेकिन बावजूद इसके प्रशासन इनकी सुध नहीं ले रहा है.

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इस मामले में जब अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो किसी ने बात नहीं की. प्रशासन इनकी मदद के लिए तैयार नहीं है. जिस वजह से प्रवासी मजदूर, महिलाएं और बच्चे कड़ी धूप में रहने के लिए मजबूर हैं. दो वक्त का खाना भी इन्हें बड़ी मुश्किल से मिल रहा है.

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स्थानीय सरपंच द्वारा भी प्रशासन को इस मामले की जानकारी दी गई है. इसके बावजूद भी इन लोगों की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. छोटे-छोटे बच्चों के साथ जंगल में रह रहे इन लोगों को जंगली जानवरों का खतरा भी मंडरा रहा है. ऐसे में ये लोग डर के साए में जीने के लिए मजबूर हैं.

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मुंबई छोड़कर अपने घर लौटे इन मजदूरों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा. इसका अहसास इन्हें बिल्कुल भी नहीं था. सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. कैमरे के आगे कोई बोलने के लिए तैयार नहीं है.  गांव के लोगों ने दूरी अलग बना रखी है.

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