किन्नर को सड़क पर एक घायल कुतिया मिली थी, उसने उसे बच्चे की तरह पाला. जब कुतिया ने एक पिल्ले को जन्म दिया तो धूमधाम से इस पिल्ले का जश्न मनाया गया. नवजात पिल्ले का कुआं पूजन, चौक पूजन कर सोहर गाई गई. इतना ही नहीं, सामूहिक भोज भी दिया गया जिसमें लोगों ने दावत उड़ाई. यह अजीब तरह का वाकया उत्तर प्रदेश के महोबा जिले का है.
महोबा शहर में राठ रोड पर बनी कांशीराम कॉलोनी में रहने वाली मंजू किन्नर को काफी पहले सड़क पर एक घायल कुतिया पड़ी मिली थी. उसको मंजू अपने घर ले आई थी. मंजू ने उसका इलाज करवा कर ठीक होने पर पाल लिया. मंजू किन्नर ने इस कुतिया को 'चम्पो' नाम दिया और अपने बच्चे की तरह पाला.
अब इस कुतिया ने एक पिल्ले को जन्म दिया है जिसका नाम 'कल्लू' रखा गया है. पिल्ले के जन्म को मंजू किन्नर ने अपने बच्चे के जन्म की तरह विधि-विधान और धूमधाम से मना कर सब को हैरत में डाल दिया. मंजू किन्नर ने मां बनी 'चम्पो' को मांग-माहुर लगाकर सजाया फिर कार्यक्रम को मनाया गया.
किन्नर होने के कारण मंजू के कोई संतान नहीं थी इसलिए उसने इस कुतिया को ही अपनी संतान की तरह पाला. मंजू किन्नर के जानने वाले भी बताते हैं कि इस पालतू कुतिया को मंजू किन्नर अपने बच्चे जैसा ही मानती है.
बताया जाता है कि इस कार्यक्रम को पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाया गया. भोजन व्यवस्था से लेकर कई कार्यक्रम आयोजित हुए. किन्नर के रिश्तेदार यहां बधाई लेकर पहुंचे थे. सारे मेहमान मस्ती में नाचते नजर आए तो कई मेहमान पैदा हुए पिल्ले की पैसों से नजर उतारते भी देखे गए. मनुष्य और जानवर का यह अनोखा प्रेम चर्चा का विषय बना हुआ है.
स्थानीय लोगों ने भी इस प्रेम की कदर की और कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हुए . उनका कहना है कि ये प्रेम नजीर है कि जानवरों को भी प्रेम और स्नेह देना चाहिए. बहरहाल, इंसानी रिश्तों की तो बहुत सी कहानियां सामने आती रहती हैं मगर इंसान और बेजुबान जानवरों के रिश्तों की यह कहानी अपने आप मे अनोखी है. एक कुतिया के बच्चे के जन्म का जश्न मना कर मंजू ने अनोखी मिशाल पेश की है.