कोरोना वायरस और वैश्विक प्रतिबंधों ने उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है जिससे वहां के शासक किम जोंग उन बेहद परेशान हैं. यही वजह है कि अब किम ने अमेरिका से संबंध सुधारने की अहम जिम्मेदारी अपनी बहन को दी है.
किम ने सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की एक सभा को बताया कि देश अप्रत्याशित और अपरिहार्य चुनौतियों का सामना कर रहा है. इससे उनके विकास के लक्ष्यों में देरी हो रही है. उत्तर कोरियाई मीडिया के मुताबिक बैठक में खराब अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा कारण प्रतिबंधों को बताया गया. इसके अलावा बाढ़ और कोरोना वायरस महामारी ने उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को दो दशकों में सबसे बुरी स्थिति में लाने में अहम भूमिका निभायी है.
उत्तर कोरिया की इस हालत को लेकर दक्षिण कोरियाई सांसदों ने पत्रकारों को बताया कि देश की खुफिया एजेंसी के मुताबिक किम ने सियोल और वाशिंगटन के साथ अपनी छोटी बहन किम यो जोंग को संबंध बेहतर करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. बीते दिनों एक राजनयिक मामले में उन्होंने सार्वजनिक भूमिका निभाई भी थी.
खुफिया एजेंसी के सदस्य हा ताए-कींग ने कहा कि इस कदम से संकेत नहीं मिलता है कि किम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के समान "सामूहिक नेतृत्व" प्रणाली को अपना रहे थे. हा ताए कींग ने कहा, किम जोंग उन की पूरी शक्ति उत्तर कोरिया की वर्तमान नेतृत्व शैली के तहत ही काम कर रही है.
इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप में पूर्वोत्तर एशिया और परमाणु नीति के वरिष्ठ सलाहकार डुयोन किम ने संदेह जताया कि सर्वोच्च नेता के रूप में किम अपना अधिकार त्याग देंगे. उन्होंने कहा, "उत्तर कोरिया में सत्ता का आंशिक हस्तांतरण अतिशयोक्ति प्रतीत होता है."