दुनिया भारतीय जवानों का यूं ही लोहा नहीं मानती है. असम राइफल के जाबांज जवान धर्मेंद्र कोई आम व्यक्ति नहीं है. ऐसा लगता है उनका सिर वज्र है और वो अपनी ताकत से दुश्मनों के छक्के छुड़ा देंगे. जी हां, हम ऐसा इसलिए कह रह हैं क्योंकि धर्मेंद्र अपने सिर से ही कच्चे बेल से लेकर नारियल तक को फोड़ देते हैं. इतना ही नहीं वो 12 एमएम के लोहे के सरिया को भी अपनी सिर की ताकत से मोड़ देने की क्षमता रखते हैं. अपनी इस अविश्वसनीय ताकत की वजह से वो भारत समेत पूरी दुनिया में नाम कमा रहे हैं.
बिहार के कैमूर जिले के रहने वाले धर्मेंद्र त्रिपुरा में असम राइफल के जवान हैं और अपने कारनामों की बदौलत गिनीज बुक में भी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं.
गिनीज बुक के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में धर्मेंद्र ने एक मिनट में 12 एमएम के 24 सरिया को अपने सिर पर रखकर हाथ से मोड़ने का रिकॉर्ड बना दिया. यह रिकॉर्ड पहले अरमेन एडांटर्स के नाम था. उन्होंने 26 अप्रैल 2015 में एक मिनट में 18 सरिया मोड़कर कीर्तिमान स्थापित किया था.
धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वो इसके लिए एक साल से कोशिश कर रहे थे. धर्मेंद्र इंटरनेशनल स्टंट गेम में पहले ही विश्व रिकॉर्ड बना चुके है. इंडियन वर्ल्ड रिकॉर्ड फाउंडेशन (आईडब्लूयूआर) की ओर से 2017 में त्रिपुरा में आयोजित प्रतियोगिता में 2.50 मिनट में 51 कच्चे बेल (वुड ऐप्पल) सिर से तोड़ने का उन्होंने रिकॉर्ड बनाया था. इस रिकॉर्ड के बाद असम राइफल्स ने धर्मेन्द्र को हैमर हेडमैन की उपाधि के साथ पदोन्नति देकर सिपाही से सब इंस्पेक्टर बना दिया था.
धर्मेंद्र की मां कुंती देवी ने बताया कि उनका बेटा बचपन में ही छुप-छुपकर खेत में सिर से फलों को तोड़ने की प्रैक्टिस करता था. डांट पड़ने की वजह से घर पर कुछ नहीं बताता था. एक मां के लिए इससे बढ़कर गर्व की बात क्या हो सकती है कि बेटा एक तरफ सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करता है और दूसरी तरफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर देश का नाम दुनिया में रोशन कर रहा है.
पिता अपिलेश्वर सिंह ने बताया कि धर्मेंद्र पढ़ाई में बहुत तेज नहीं था लेकिन एक बार जब कुछ करने की ठान लेता था तो कर के ही दम लेता था. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका बेटा इतना आगे बढ़ जाएगा. गांव वालों के सहयोग से यह सब कुछ सभंव हुआ है.