छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक शख्स की जान बेकाबू धार में ऐसी फंसी कि उसके प्राण संकट में आ गए. चारों तरफ पानी- गरजता पानी और डराता पानी था. रतनपुर के पास एक शख्स पानी में ऐसा कूदा कि बचना मुश्किल हो गया. लोगों ने मदद की कोशिश की लेकिन वो नाकाम रही. फिर वायुसेना को मोर्चा संभालना पड़ा. लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे हेलिकॉप्टर से बचाया लिया गया.
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रविवार को ये शख्स नदी की तेज धार में फंस गया था. अचानक आए पानी ने इसे बचने का मौका नहीं दिया. रविवार को पूरी रात यहीं लहरों के बीच ये शख्स जिंदगी और मौत के बीच झूलता रहा. कभी लहरें धीमी पड़तीं तो कभी तेज हो जाती. मदद के नाम पर इस शख्स को बस एक पेड़ की शाखाओं का ही सहारा था.
हालात कुछ ऐसे थे कि उस शख्स तक मदद के तमाम रास्ते बंद हो गए. रात होते ही राहत एजेंसियों के लिए ऑपरेशन चलाना नामुमकिन हो गया. क्या सुबह होने तक फंसा शख्स सुरक्षित रह पाया. क्या उसकी जान बच पाई. हर किसी के मन में यही सवाल बार-बार आ रहा था.
यह रेस्क्यू ऑपरेशन वायु सेना के लिए आसान नहीं था. खराब मौसम और अंधरे की दोहरी मुसीबत. वायुसेना चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती थी. रात ढलने का इंतजार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था. रात भर ये शख्स यूं ही फंसा रहा. सूरज निकलने के इंतजार में इसने एक-एक पल कैसे बिताया होगा इसे बखूबी समझा जा सकता है.
दिन निकलते ही वायु सेना इस शख्स को बचाने में जुट गई और रस्सी के सहारे इस शख्स तक मदद पहुंचाई गई और उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया. वायु सेना की ये टीम देवदूत बनकर यहां आई और मौत के मुंह से निकालने में कामयाबी रही. यहां मौजूद हर शख्स ने तालियां बजाकर इन देवदूतों को सलाम किया. छत्तीसगढ़ पुलिस ने बाकायदा बयान जारी कर शुक्रिया कहा.