इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research - ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा है कि निगरानी और नियंत्रित तरीके से की गई स्टडीज में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से कोरोना मरीजों को कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं होगा.
डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि इसकी वजह से सिर्फ बेचैनी, उल्टी और सीने में थोड़ा भारीपन रहता है. लेकिन इससे ज्यादा और भयावह साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले हैं.
ICMR ने कहा है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना वायरस के मरीज और सामान्य लोग रोगनिरोधी दवा के तौर पर ले सकते हैं. डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि हम इस दवा का उपयोग प्रोफाइलेक्टिक यानी रोगनिरोधी के तौर पर कर सकते हैं. इसकी वजह से कोई नुकसान है नहीं, लेकिन फायदे जरूर होंगे.
भार्गव ने कहा कि हम अपने फ्रंटलाइन वर्कर्स को ये दवा खाने से मना नहीं कर सकते. क्योंकि जो लोग लगातार कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के संपर्क में उन्हें ऐसी दवाओं की सख्त जरूरत है जो उन्हें लंबे समय तक कोरोना के संक्रमण से बचाए रखे.
भारत में कोरोना वायरस के इलाज को लेकर जो गाइडलाइंस जारी हुई हैं, उनमें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सिफारिश की गई है. लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है कि जिस मरीज की हालत बेहद गंभीर हो और वह आईसीयू में भर्ती हो, उसे ही यह दवा देनी है. जबकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस दवा से मौत का खतरा देखते हुए इसके क्लीनिकल ट्रायल को रोक दिया है.
भारत में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का पूरी दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है. यहां पर दुनिया के कुल उत्पादन की 70 फीसदी दवा बनती है. भारत में इस समय 1.45 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में हैं. जबकि, 4100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की दवा मंगाई थी. इसके बाद अमेरिका के अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की वेबसाइट पर इस बात का खुलासा किया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप आखिर क्यों मलेरिया की इस दवा के पीछे पड़े हैं. मीडिया संस्थान ने बताया है कि डोनाल्ड ट्रंप का इसमें निजी फायदा है.
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार अगर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को दुनियाभर में कोरोना के इलाज के लिए अनुमति मिलती है तो उससे ये दवा बनाने वाली कंपनियों को बहुत फायदा होगा. ऐसी ही एक कंपनी में डोनाल्ड ट्रंप का शेयर है. साथ ही उस कंपनी के बड़े अधिकारियों के साथ डोनाल्ड ट्रंप के गहरे रिश्ते हैं.
वेबसाइट पर लिखा है कि डोनाल्ड ट्रंप का फ्रांस की दवा कंपनी सैनोफी को लेकर व्यक्तिगत फायदा है. कंपनी में ट्रंप का शेयर भी है. ये कंपनी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को प्लाकेनिल ब्रांड के नाम से बाजार में बेचती है.
अमेरिका का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वो तो लगातार हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन खा रह हैं. ताकि वे कोरोना वायरस से खुद को बचा सकें.