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एक सवाल ने द‍िमाग को ह‍िलाया, बना डाला अनोखा वर्ल्ड रिकॉर्ड

श्याम सुंदर गोयल
  • 27 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 5:09 PM IST
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राजस्थान में हनुमानगढ़ के रहने वाले एक शख्स ने वह कारनामा कर द‍िखाया ज‍िसके बारे में सोचता तो हर भारतीय है, लेक‍िन मंज‍िल तक नहीं पहुंचा पाता. उस शख्स ने प्लान बनाकर भारत के सभी 29 राज्यों में यात्रा कर 15,628.35 क‍िलोमीटर की दूरी 64 द‍िन में तय कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. दुन‍िया में यह कारनामा करने वाले यह पहले शख्स हैं. इनका नाम है रमन कुमार खदरि‍या...

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रमन कुमार खदर‍िया पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीन‍ियर हैं लेक‍िन इस समय वह केरल के वरकला में हॉस्टल मैनेजर के प्रोफेशन में हैं. रमन इस भारत यात्रा के बाद दुन‍िया के 20 देशों की भी यात्रा कर चुके हैं.

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खदर‍िया ने भारत के सभी 29 राज्यों की यात्रा 31 जुलाई से 2 अक्टूबर 2017 में की लेक‍िन "ग‍िनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" के तय पैमानों के अनुसार इसका सर्टिफ‍िकेट पाने में सवा दो साल लग गए. उन्हें कुछ द‍िन पहले ही ग‍िनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की तरफ से यह सर्टिफ‍िकेट द‍िया गया है.

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रमन कुमार खदर‍िया दुन‍िया में पहले और अकेले शख्स हैं ज‍िन्होंने क‍िसी एक देश में पब्ल‍िक ट्रांसपोर्ट से पहले से ही प्लान की गई यात्रा के दौरान 15,628.35 क‍िलोमीटर की दूरी तय की. यह यात्रा भारत में 31 जुलाई 2017 से 2 अक्टूबर 2017 में की गई थी. इस यात्रा में रमन के 64 दिन में खर्च हुए स‍िर्फ 64 हजार रुपये. इसमें से भी 10 हजार रुपये का स‍िर्फ जीपीएस ड‍िवाइस था. 

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रमन को म‍िला यह "ग‍िनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" का सर्टिफ‍िकेट भले ही देखने में कागज का टुकड़ा लगता हो लेकिन इसे पाने के ल‍िए जीवन और मौत के बीच 64 द‍िन तक इनका संघर्ष चला. भारत या दुन‍िया में ऐसा कारनामा आज तक क‍िसी शख्स ने नहीं क‍िया.

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दरअसल, जनवरी 2017 में यह बाइक से "बैगपैक‍िंग" यात्रा कर रहे थे, इस दौरान यह कई राज्यों में गए. उसी दौरान जयपुर में एक शख्स से उनकी मुलाकात हुई. बातों ही बातों में उस शख्स ने इनसे पूछा क‍ि आप क्या कर रहे हैं तो इन्होंने जवाब द‍िया क‍ि वह बैगपैकर्स हैं. तब उसने इनसे सवाल क‍िया क‍ि यह बैगपैकर्स क्या होते हैं? क्या इसका भी कोई सर्टिफ‍िकेट होता है?

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इस सवाल ने रमन कुमार का द‍िमाग ह‍िला द‍िया. वह चार महीने तक इसके बारे में सोचते रहे क‍ि लाखों लोग बैगपैकर्स के रूप में यात्रा करते हैं लेक‍िन इसका कोई र‍िकॉर्ड ही नहीं है. इस बारे में रमन ने "ल‍िम्का बुक ऑफ र‍िकॉर्ड्स" से संपर्क क‍िया लेक‍िन वहां से इन्हें कोई जवाब नहीं म‍िला.

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इसके बाद रमन ने "ग‍िनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" वालों से संपर्क क‍िया. उन्होंने बताया क‍ि अभी तक बैगपैकर्स के रूप में कोई र‍िकॉर्ड नहीं है. तब उन्होंने इस र‍िकॉर्ड का बनाने का बीड़ा उठाया और इसके बारे में सारी जानकारी हास‍िल की.

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रमन ने इस पर पूरे एक महीने काम क‍िया और भारत के सभी 29 राज्यों में पब्ल‍िक ट्रांसपोर्ट से जाने का रूट मैप तैयार क‍िया. यह रूट मैप  "ग‍िनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" वालों से शेयर क‍िया तो वह इसके ल‍िए तैयार हो गए. इस रिकॉर्ड के ल‍िए रमन को एक जीपीएस ड‍िवाइस खरीदना था जो इस ड‍िवाइस की रीयल लोकेशन बताता है. जहां भी उन्हें जाना होता, वहां के दो लोगों के स‍िग्नेचर चाह‍िए थे. ज‍िस जगह जाना था, वहां के फोटो और वीड‍ियो रिकॉर्ड्स करने थे.

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ग‍िनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की एक शर्त यह भी थी क‍ि रमन कहीं भी, क‍िसी भी स्थ‍ित‍ि में सात द‍िन से ज्यादा नहीं रुक सकते थे. और जिस रास्ते से एक बार गुजर जाएं तो उससे वापस नहीं आ सकते. नॉर्थ-ईस्ट जाने के ल‍िए सिलि‍गुड़ी और गुवाहाटी जाने का एक ही रास्ता है. ट्रेन उसी रास्ते से जाती है और उसी रास्ते वापस आती है. तब रमन ने काफी दिमाग लगाया और एक तरफ की यात्रा बस से की जिससे रूट अलग हो जाए.

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इस तरह शर्तों को समझ कर रमन ने 31 जुलाई 2017 को चंडीगढ़ से अपनी भारत यात्रा बस से शुरू की. इसके बाद वह घूमते हुए नॉर्थ-ईस्ट पहुंचे जहां उन्होंने पूरे 45 द‍िन गुजारे. हालांक‍ि, रमन ने चंडीगढ़ से यह यात्रा 21 जुलाई को शुरू की थी लेक‍िन "ग‍िनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" के तकनीकी पेंचों की वजह से यात्रा 31 जुलाई से मानी गई.

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नॉर्थ-ईस्ट में रमन एक जगह ट्रैक‍िंग में फंस गए और बीच में ही लैंड स्लाइड हो गया. वहीं उन्हें पता लगा क‍ि एक ट्रैक‍िंग ग्रुप के दो लोगों की मौत हो गई. तब उन्हें पहली बार दिल में लगा क‍ि यह हादसा उनके भी साथ हो सकता था.

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इसी यात्रा के दौरान रमन के प‍िता को हार्ट अटैक भी आ गया लेक‍िन उनके घरवालों ने इसकी खबर रमन को नहीं दी जबकि उनकी रोज घर बात होती थी. रमन को दो हफ्ते बाद पता चला क‍ि उनके प‍िता को हार्ट अटैक आया था.

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रमन ने चंडीगढ़ से यात्रा शुरू कर हिमाचल प्रदेश के स्पीति वैली, लेह-लद्दाख, श्रीनगर, ऋषिकेश, लखनऊ, वाराणसी, पटना, सिलीगुड़ी, सिक्किम, गुवाहाटी, मेघालय,  नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, कोलकाता, भुवनेश्वर, रांची, रायपुर, हैदराबाद, विशाखापट्टनम, चेन्नई, रामेश्वरम, होते हुए भारत के दक्षिणी छोर कन्या कुमारी, फिर वहां से त‍िरुवनंतपुरम, बेंगलुरू, गोवा, मुंबई, अहमदाबाद, उज्जैन, जयपुर, दिल्ली होते हुए चंडीगढ़ में अपनी यात्रा समाप्त की.



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रमन कुमार खदर‍िया ने इस भारत यात्रा के बाद 20 द‍ेशों की भी यात्रा की है ज‍िनके नाम नेपाल, भूटान, थाईलैंड , मलेशिया, वियतनाम, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, मोनाको, इटली, हंगरी, ऑस्ट्रिया, स्लोवाकिया, पोलैंड, चेक रिपब्लिक, जर्मनी, हॉलैंड, बेल्जियम, सिंगापुर और यूक्रेन हैं.

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