पिछले हफ्ते मुंबई में एक लड़की के 'Free Kashmir' पोस्टर लहराने को लेकर विवाद हुआ था. लेकिन एक बार फिर प्रदर्शन के दौरान युवक के 'Free Kashmir' पोस्टर लेकर आने का मामला सामने आया है. सीएए और एनआरसी के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में 11 जनवरी को फ्री कश्मीर पोस्टर देखा गया. (फोटो- ANI)
एएनआई के मुताबिक, चेन्नई के वल्लुवर कोट्टम में सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे. इसी दौरान एक युवक ने फ्री कश्मीर पोस्टर हाथ में उठा रखा था.
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस पर सवाल उठाए हैं, वहीं कुछ ने पूछा है कि फ्री कश्मीर पोस्टर क्या किसी कानून का उल्लंघन करता है.
बता दें कि जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ मुंबई में 6 जनवरी को प्रदर्शन हुए थे. कई सेलिब्रेटी ने इसमें हिस्सा लिया था. इसी दौरान एक लड़की के हाथों में मौजूद फ्री कश्मीर पोस्टर विवादों में आ गया था.
बाद में फ्री कश्मीर पोस्टर लहराने वाली लड़की महक
मिर्जा प्रभु ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करके कहा था कि वह कश्मीरी नहीं हैं, बल्कि
महाराष्ट्र की ही रहने वाली हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने पोस्टर पर आपत्ति जताई थी और इस मामले में जांच की मांग की थी. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी महक के पोस्टर
पर आपत्ति जाहिर की थी. मुंबई पुलिस ने लड़की के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था.
हालांकि, पेशे से राइटर महक ने कहा था- 'इस प्लेकार्ड का मतलब था- खुद को अभिव्यक्त करने की आजादी, इंटरनेट
लॉकडाउन से आजादी. मैं मूलभूत संवैधानिक अधिकार के समर्थन में आवाज उठा रही
थी.' महक ने लिखा कि इस पोस्टर से जिस तरह का असर हो सकता है और जो विवाद हुआ, इसके लिए वे खेद जताती हैं.